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बजट के बाद घरेलू शेयर बाजार में उतार चढ़ाव का दौर बना हुआ है. फिलहाल 35 हजार के ऊपर बना सेंसेक्स इस साल दिसंबर तक 32 हजार के स्तर तक पहुंच सकता है. यह आशंका जताई है फॉरेन ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (BofAML) ने. फर्म ने इसके लिए माइक्रो इकोनॉमिक्स के बिगड़ते हालात का हवाला दिया है.
BofAML ने इस संबंध में अपनी रिसर्च रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने कहा है कि भारत के मैक्रोइकोनॉमिक्स सेक्टर में सुधार आ रहा है लेकिन इससे जुड़े फैक्टर्स में कमजोरी दिख रही है. भारत में आने वाले समय में मैक्रो इकोनॉमिक्स के असर से शेयर बाजार में गिरावट का अनुमान है.
रिपोर्ट के मुताबिक भविष्य में तेल की कीमतों के चलते घाटा बढ़ेगा और इससे चुनावों में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ेगी. फर्म ने कहा है कि इस स्थिति को देखते हुए हम लगातार बाजार पर नजर बनाए हुए हैं. फर्म ने आशंका जताई है कि इस साल दिसंबर तक सेंसेक्स 35 हजार के स्तर से नीचे आ सकता है और यह 32000 का आंकड़ा छू सकता है.
फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीमेंट की मांग, इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन और रिटेल लैंडिंग में सुधार आ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉर्पोरेट अर्निंग्स कमजोर रही हैं. इसकी वजह से बाजार में लगातार गिरावट आ रही है.
रिपोर्ट में आने वाले दिनों में बैंकिंग शेयरों में दबाव की बात भी कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक पब्लिक सेक्टर के बैंकों के शेयरों में अगली कुछ तिमाहियों के दौरान ऊंची प्रोविजनिंग और बैड लोन में बढ़ोतरी की वजह से दबाव बना रहेगा.