
जनता अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शेयर कर सकें, इसके लिए पीएमओ ने एक वेबसाइट बनाई. लेकिन देशश के सबसे ताकतवर व्यक्ति से जुड़ी यह वेबसाइट भी सिक्योर नहीं है.
अगर आप पीएमओ की या सेंट्रलाइज्ड पब्लिक ग्रिवांसेज रीड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीजीआरएएमएस) की वेबसाइट के जरिए अपनी समस्या रखना चाहते हैं, तो सावधान रहें. वेबसाइट द्वारा मांगे गए मोबाइल नंबर या एड्रेस जैसे आपके पर्सनल डेटा लीक हो सकते हैं.
इतना ही नहीं आप जिस व्यक्ति या विभाग के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, उसे भी आपकी शिकायत का पता चल सकता है.
पीएमओ की वेबसाइटों http://www.pmindia.gov.in/en/ और http://www.pmindia.gov.in/en/interactwith-honble-pm/ और पब्लिक ग्रिवांस रीड्रेस सिस्टम की वेबसाइट http://pgportal.gov.in/viewstatus.aspx पर जाएं और यूआरएल अड्रेस बार के बाएं कोने पर बने ⓘ
सिंबल पर क्लिक करने पर लिखा आता है, "इस साइट पर आपका कनेक्शन सिक्योर नहीं है. आपको इस वेबसाइट पर कोई सेंसिटिव सूचनाएं शेयर नहीं करने चाहिए. (जैसे पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर , क्योंकि इसे अटैकर चुरा सकते हैं)."
सामाजिक विषयों पर फिल्म बनाने वाले उल्हास पीआर ने यह खुलासा किया है. जब उन्होंने पीएमओ से ऑनलाइन कम्प्लेन करने पर सुरक्षा को लेकर सवाल किए तो पीएमओ ने स्वीकार किया कि ये साइटें सिक्योर नहीं हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री से उन्हें जवाब मिला, "संबंधित टेक्निकल टीम के अनुसार, साइट को सिक्योर बनाने के लिए काम किया जा रहा है."
साइबर एक्सपर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में वकील पवन दुग्गल का कहना है, "जहां तक साइबर हमलों की बात है तो सिक्योर्ड वेबसाइटों को हैक, क्रैक या अटैक करना बेहद मुश्किल होता है. लेकिन अनसिक्योर्ड वेबसाइटों पर साइबर हमला बेहद आसान होता है."