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ऐप आधारित कैब में राइड शेयरिंग हो सकता बैन, दिल्ली सरकार ने बताया गैरकानूनी

हो सकता है कि जल्द ही ऐप आधारित कैब सर्विस प्रोवाइडर अपने ग्राहकों राइड शेयर करने की सुविधा नहीं दे पाएंगे. दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने सिटी टैक्सी स्किम 2017 के अंतर्गत जिस ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया है उसके मुताबिक, राइड शेयरिंग सेवाओं को गैरकानूनी मानकर बैन किया जा सकता है.

राइड शेयरिंग हो सकता बैन राइड शेयरिंग हो सकता बैन
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

हो सकता है कि जल्द ही ऐप आधारित कैब सर्विस प्रोवाइडर अपने ग्राहकों को राइड शेयर करने की सुविधा नहीं दे पाएंगे. दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने सिटी टैक्सी स्किम 2017 के अंतर्गत जिस ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया है, उसके मुताबिक, राइड शेयरिंग सेवाओं को गैरकानूनी मानकर बैन किया जा सकता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सरकार का मानना है कि राइड शेयरिंग शहर के लिए फायदेमंद है, क्योंकि ये यात्रियों के लिए भी सुगम रास्ता है और इससे सड़क पर गाड़ियां भी सीमित होती हैं. लेकिन मौजूदा कानून में टैक्सी प्रोवाइडर केवल यात्रियों को एक जगह से दूसरे जगह तक ही छोड़ सकते हैं. उन्हें बीच में किसी यात्री को पिक करना या ड्रॉप करने की अनुमति नहीं है.

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हालांकि इस ड्राफ्ट ने अभी केवल अंतिम रूप लिया है, ट्रांसपोर्ट विभाग को पूरा भरोसा है कि राइड शेयरिंग को अनुमति नहीं मिलेगी.

एक सरकारी ऑफिसर का कहना है, 'हम ऐप आधारित कैब सेवाओं के ऑपरेशन को नियंत्रित करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि स्किम के कुछ फीचर्स को अभी भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. लेकिन कैब शेयरिंग को निश्चित रूप से गैरकानूनी होने की वजह से अनुमित नहीं मिलेगी.'

आखिरी बार सरकार ने टैक्सी स्किम 2015 में लाया गया था और अब फिर से कुछ सुधार के बाद नया टैक्सी स्किम पेश किया जाएगा.

बता दें ओला उबर जैसी कंपनियां दिल्ली में ऐप आधारित कैब सर्विस प्रोवाइड करती हैं. ओला की राइड शेयरिंग ने काफी लोकप्रियता भी हासिल की है. वर्ल्ड इंवायरमेंट डे के मौके पर ओला ने 1 रुपये में ओला शेयर पास का सब्सक्रिप्शन भी बेचा था. शेयर बैन होने देखना दिलचस्प होगा कि दोनों ही कंपनियां क्या कदम उठाती हैं.

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