
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी में एक उत्कृष्ट प्रधानमंत्री बनने की सभी खूबियां हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर 2019 के चुनाव के बाद पार्टी और सहयोगी दल संयुक्त रूप से फैसला ले सकते हैं. थरूर ने कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों ने यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस अभी भी पूरे देश में उपस्थिति रखने वाली एकमात्र राजनीतिक पार्टी है और राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के लिए स्वभाविक आधार होगी.
राहुल में पीएम बनने की सभी खूबियां
समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में कांग्रेस सांसद शशि थरूर मे कहा कि राहुल गांधी हमारे नेता हैं, जिसका मतलब है कि अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वह प्रधानमंत्री होंगे. अगर कांग्रेस गठबंधन सरकार में है तो जाहिर है कि उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए गठबंधन के अन्य दलों के साथ चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह संयुक्त फैसला होगा और आम चुनाव के नतीजों के बाद ही इस पर चर्चा होने की संभावना है. थरूर ने कहा कि निजी स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ कई चर्चाएं हुई, मेरे हिसाब से यह स्पष्ट है कि राहुल जी के पास देश का उत्कृष्ट प्रधानमंत्री बनने की सभी खूबियां हैं.
स्टालिन ने रखा था पीएम उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव
शशि थरूर ने कहा कि गांधी के नेतृत्व की समावेशी शैली, राजनीतिक रूप से विभाजित जन तक पहुंचने की इच्छा, समाज के पीड़ित तबकों के प्रति संवेदनाएं, देश के अनेकवादी ताने बाने को लेकर प्रतिबद्धता के साथ विनम्रता और उल्लेखनीय जागरूकता से साफ है कि वह इस पद की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं. बता दें कि थरूर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने विपक्ष की तरफ राहुल गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा है.
हिंदी पट्टी में कांग्रेस की जीत से मजबूत हुए राहुल
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी हाल ही में राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वे हिंदी पट्टी के तीन प्रमुख राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव जीतकर अपनी ताकत का लोहा मनवाने के बाद पप्पू नहीं रहे. हालांकि, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस जैसे कई सहयोगी दलों ने स्टालिन के विचारों का समर्थन नहीं किया और कहा कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला चुनावों के बाद लिया जाएगा.
हिंदी भाषी प्रमुख राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद संभावित महागठबंधन का गणित बदल जाने के एक सवाल पर थरूर ने कहा कि उनका मानना है कि यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने संकेत दिया है कि वे बीजेपी से त्रस्त हो गए हैं और इसके बजाय कांग्रेस के रथ पर सवार होना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनाव पूर्व और चुनाव के बाद गठबंधन कर सकती है.
तीन तलाक विधेयक मुस्लिम पुरुषों को दंड देने वाला
लोकसभा में पिछले हफ्ते तीन तलाक विधेयक पारित करने पर एक सवाल पर थरूर ने कहा कि कांग्रेस विधेयक के प्रारूप का कड़ा विरोध कर रही है जिसे सरकार ने पारित किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को पहले ही गैरकानूनी घोषित कर दिया है तो इस कानून की क्या जरुरत है? यह धर्म के आधार पर किसी खास वर्ग का कानून बनाने की मंशा वाला विधेयक प्रतीत होता है और इसलिए यह हमारे संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 का उल्लंघन है. थरूर ने दावा किया कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की रक्षा नहीं करता बल्कि इसके बजाय मुस्लिम पुरुषों को दंड देता है.