
मेघालय की राजधानी शिलांग में लगातार पांचवें दिन जबरदस्त तनाव है. शिलांग में हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि सोमवार को मुख्यमंत्री कोनराड संगमा घंटों सचिवालय में ही घिरे रहे. एहतियातन अर्धसैनिक बलों की 15 से अधिक टुकड़ियों को तैनात कर दिया गया है. इस बीच राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग आज राज्य का दौरा कर वहां हालात का जायजा लेगा. खासी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार देर रात सेक्रेट्रिएट का घेराव किया.
15 से अधिक कंपनियां तैनात
इससे पहले पहले सोमवार को सेना ने शिलांग में फिर हिंसा भड़कने के बाद फ्लैग मार्च किया. रविवार रात सीआरपीएफ के शिविर पर प्रदर्शनकारियों के हमला करने के बाद फिर से कर्फ्यू लगा दिया है. शिलांग में सीआरपीएफ की 15 से अधिक कंपनियां (प्रत्येक कंपनी में 100 जवान) तैनात की गई हैं. केंद्र ने शहर में शांति बहाल करने के लिये अर्द्धसैनिक बलों की 10 अतिरिक्त कंपनियां भी भेजीं हैं. वहां लगातार चौथे दिन स्थानीय आदिवासियों और पंजाबियों के बीच झड़प के बाद सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा.
CRPF के शिविर पर हमला, 3 जवान जख्मी
आठ घंटे के लिये कर्फ्यू में ढील दिये जाने के बाद रविवार रात फिर से संघर्ष हुआ. इसके बाद पुलिस को भीड़ को शांत करने के लिये आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मवलाई में सीआरपीएफ शिविर पर पथराव किया. यह शिविर जयाव लुमसिंथ्यू इलाके के ठीक नीचे है. सीआरपीएफ के आईजी प्रकाश डी ने पीटीआई से कहा कि सीआरपीएफ के तीन जवानों को मामूली चोट आई है. शिविर में ही उनका इलाज किया गया. शिविर में संपत्ति को क्षति पहुंचने की कोई सूचना नहीं है. सोमवार शाम से कर्फ्यू लगाया गया है जो अगले आदेश तक जारी रहेगा.
सीएम कोनराड ने बनाई समिति
इधर मुख्यमंत्री कोनराड एस संगमा ने हिंसा के संबंध में शिलांग में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की और एक समिति के गठन की घोषणा की. यह समिति बड़ा बाजार के पास देम मीटर से स्वीपर कॉलोनी को दूसरी जगह ले जाने के लंबे समय से लंबित मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढेगीय. वहां गुरुवार को संघर्ष हुआ था.
पंजाब सरकार का प्रतिनिधिमंडल शिलांग पहुंचा
पंजाब सरकार का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी राज्य में हालात का जायजा करने के लिए पहुंचा. उन्हें मुख्यमंत्री ने स्थिति से अवगत कराया. पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि राज्य में सिख समुदाय के लोग सुरक्षित हैं. वे पंजाबी समुदाय के प्रतिनिधियों से आज मिलेंगे.
सोमवार को सेना ने किया था फ्लैग मार्च
रक्षा प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने बताया कि सेना ने लैतुमखराह, पोलो और बड़ा बाजार समेत प्रभावित क्षेत्रों में सोमवार को फ्लैग मार्च किया. उन्होंने कहा कि सेना को एक जून को बुलाया गया था. तकरीबन 300 विस्थापित लोगों को बचाया गया और वे अगले दिन अपने घर लौट आए. विस्थापितों में ज्यादातर महिलाएं एवं बच्चे थे. जिला अधिकारी ने हालात पर नियंत्रण करने और शहर के अन्य हिस्से में प्रदर्शन फैलने से रोकने के लिये प्रदेश की समूची राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया है.
500 प्रदर्शनकारियों के शहर में घुसने की थी खबर
ईस्ट खासी हिल्स जिले के उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में रात का कर्फ्यू का समय रात 10 बजे से पहले करके शाम चार बजे कर दिया गया. खुफिया सूचना में संकेत मिले थे कि तकरीबन 500 प्रदर्शनकारी शहर में घुस गए हैं. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में कल कुछ घंटे की ढील दी गई थी, लेकिन अगले आदेश तक यह जारी रहेगा. सीआरपीएफ आईजी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं, जिनकी पहचान जिले के अधिकारियों ने हमले के लिये संवेदनशील क्षेत्र के तौर पर की थी.
अल्पसंख्यक आयोग आज जाएगा
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) संघर्ष की जांच के लिये एक सदस्य को आज शिलांग भेजेगा. एनसीएम अध्यक्ष सैयद घायोरूल हसन रिजवी ने बताया कि आयोग ने पंजाब से अपने सदस्य मनजीत सिंह राय को हालात का जायजा लेने के लिये शिलांग भेजने का फैसला किया है.
ये है हिंसा की वजह
राज्य में समस्या तब शुरू हुई, जब बीते गुरुवार को शहर के पंजाबी लाइन इलाके में लोगों के दो समूहों के बीच संघर्ष हुआ. यह घटना तब हुई थी जब लोगों के समूह ने एक बस कर्मचारी की कथित तौर पर पिटाई की थी. हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस हमले के सिलसिले में अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.