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वधावन ब्रदर्स: शिवसेना ने बताया साजिश, कहा- फडणवीस सरकार में हुई थी IPS की नियुक्ति

सत्ताधारी शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि जिस आईपीएस अधिकारी ने कपिल और धीरज वधावन को लॉकडाउन में भी महाबलेश्वर हिल स्टेशन जाने की अनुमति दी, उनकी गृह विभाग में नियुक्ति पिछली सरकार (देवेंद्र फडणवीस सरकार) में हुई थी. ऐसे में ये महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को संकट में डालने वाली एक साजिश नजर आ रही है.

वधावन ब्रदर्स पर महाराष्ट्र में सियासत तेज वधावन ब्रदर्स पर महाराष्ट्र में सियासत तेज
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 13 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

  • शिवसेना का बीजेपी पर पलटवार
  • सामना में लगाया साजिश का आरोप
  • कहा- पिछली सरकार में हुई थी नियुक्ति

लॉकडाउन में महाबलेश्वर जाने से चर्चा में आये वधावन ब्रदर्स पर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जहां उद्धव ठाकरे सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं तो वहीं अब शिवसेना ने उन पर पलटवार किया है.

सत्ताधारी शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि जिस आईपीएस अधिकारी ने कपिल और धीरज वधावन को लॉकडाउन में भी महाबलेश्वर हिल स्टेशन जाने की अनुमति दी, उनकी गृह विभाग में नियुक्ति पिछली सरकार (देवेंद्र फडणवीस सरकार) में हुई थी. ऐसे में ये महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को संकट में डालने वाली एक साजिश नजर आ रही है.

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क्या है विवाद?

कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. आवश्यक सेवाओं के अलावा किसी को भी कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं है. ऐसे में बैंक घोटालों में एजेंसियों की रडार पर चल रहे कपिल और धीरज वधावन को 21 अन्य लोगों के साथ सतारा जिले के महाबलेश्वर हिल स्टेशन जाने की परमिशन दे दी गई. आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार में गृह विभाग के विशेष प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमिताभ गुप्ता की बदौलत वधावनब्रदर्स को ये परमिशन मिली.

वधावन ब्रदर्स समेत 23 लोगों पर FIR, लॉकडाउन के बीच पहले भी गए थे महाबलेश्वर

ये केस सामने आने के बाद बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि ये मुमकिन नहीं है कि एक सीनियर आईपीएस अधिकारी इन हालात में खुद से ऐसी गलती करे. उनका निशाना सरकार पर था, लिहाजा इस पर सामना के जरिये पलटवार किया गया.

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सामना में सोमवार को लिखा गया है कि जिस आईपीएस अधिकारी को लेकर ये चर्चा हो रही है दरअसल गृह विभाग में उनकी नियुक्ति पिछली सरकार में ही हुई थी. सामना में लिखा गया कि इससे साफ पता चलता है कि अमिताभ गुप्ता के फैसले के पीछे कौन है. सामना में इस घटना को साजिश बताया गया है.

अधिकारी को छुट्टी पर भेजा

ये मामला सामने आने के बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली उद्धव सरकार ने अमिताभ गुप्ता को शुक्रवार को ही कंपल्सरी लीव पर भेज दिया था और मामले की जांच के आदेश दे दिये थे.

वहीं, वधावन ब्रदर्स और उनके साथ परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारनटीन कर दिया गया है. साथ ही उनके व्हीलकल भी सीज कर लिये गये हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन समेत 23 लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया है.

इससे पहले यस बैंक मामले में 7 मार्च को सीबीआई ने कपिल और धीरव वधावन के खिलाफ केस भी दर्ज किया है, जिसके बाद से वो फरार चल रहे थे. मार्च 17 को दोनों बंधुओं के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था, बावजूद इसके वो कोर्ट में पेश नहीं हुये. इस बीच जब लॉकडाउन के बावजूद दोनों को परिवार समेत हिल स्टेशन जाने की परमिशन का मामला सामने आया तो महाराष्ट्र की सियासत में गरमी पैदा हो गई.

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