Advertisement

शिवसेना ने महाराष्ट्र में फैली हिंसा पर सरकार को घेरा, पूछा क्या कर रही है सरकार

संपादकीय में भरीप बहुजन महासंघ के नेता और भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर पर भी दंगे भड़काने का आरोप लगाया है. इसमें लिखा है कि प्रकाश अंबेडकर को आगे आकर हिंसा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए थी.

शिवसेना ने महाराष्ट्र की हिंसा पर बीजेपी को घेरा शिवसेना ने महाराष्ट्र की हिंसा पर बीजेपी को घेरा
दिनेश अग्रहरि
  • मुंबई,
  • 04 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

महाराष्ट्र में फैली जातीय हिंसा की आग रुकने का नाम नहीं ले रही है. राजनीतिक पार्टियां भी हाथ सेकने से पीछे नहीं हट रही हैं. शिवसेना ने अपनी पत्रिका 'सामना' में वीरवार के संपादन में हिंसा का सारा दोष केंद्र और राज्य सरकार पर डाल दिया है. और लिखा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में फैली इस आग को काबू नहीं कर पाए. राज्य में इतना कुछ हो गया लेकिन सरकार  क्या कर रही है.

Advertisement

संपादकीय में भरीप बहुजन महासंघ के नेता और भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर पर भी दंगे भड़काने का आरोप लगाया है. इसमें लिखा है कि प्रकाश अंबेडकर को आगे आकर हिंसा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए थी. संपादक ने कहा कि एक सच्चा नेता वही है जो भीड़ को राह दिखाए, न कि दंगों के लिए उकसाए.

आपको बता दें कि सोमवार यानी एक जनवरी को पुणे में सन 1818 के भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं बरसी थी. भीमा-कोरेगांव युद्ध में अंग्रेज़ों ने महाराष्ट्र के महार समाज की मदद से पेशवा की सेना को हराया था, और इस जीत का स्मारक बनवाया था. तो महार समाज इसे हर साल अपनी जीत के तौर पर मनाते हैं.

इस साल 200वीं बरसी के मौके पर पुणे में दलित समाज के करीब 3 लाख लोग इकट्ठा हुए थे. इसी कार्यक्रम के दौरान पुणे में दो गुटों के बीच पहले कहासुनी हुई और बात हिंसा तक पहुंच गई, जिसमें एक युवक की मौत भी हो गई. इसके तुरंत बाद पुणे और आसपास के इलाकों में गाड़ियों में आग लगाने और पथराव की कई घटनाएं होने लगी थी.

Advertisement

दो दिन में हिंसा की घटनाएं पुणे से आगे बढ़कर मुंबई सहित महाराष्ट्र के करीब 15 छोटे बड़े शहरों में फैल गई थी.  दलित संगठनों का आरोप है कि हिंसा के पीछे हिंदू एकता अगाड़ी और शिवाजी प्रतिष्ठान नाम के हिंदूवादी संगठनों का हाथ है, जिन पर कार्रवाई नहीं हुई. हिंदू संगठनों का कहना है कि ये हिंसा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के विवादित छात्र उमर खालिद के कथित भड़काऊ बयानों से फैली.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement