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पूरा परिवार बैठेगा तभी खत्म होंगे आपसी मतभेद: शिवपाल यादव

सपा के यादव परिवार में अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मतभेद जगजाहिर हैं. जबकि दोनों के बीच सुलह के लिए कई कोशिशें हुईं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. ऐसे में क्या पूरा परिवार बैठकर कोई हल निकालेंगा या फिर शिवपाल अपनी अलग सियासी राह पकड़ेगें.

शिवपाल यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो) शिवपाल यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 20 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच मतभेद के बीज पड़े दो साल होने जा रहे हैं. इसके बाद भी चाचा-भतीजे के बीच रिस्ते मधुर नहीं बन सके हैं. आपसी मतभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि शिवपाल यादव सपा में पूरी तरह से अलग-थलग पड़े हुए हैं. ऐसे में शिवपाल ने कहा कि पूरा परिवार एक साथ बैठेगा तभी आपसी मतभेद खत्म होंगे.

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शिवपाल ने आजतक से बातचीत में कहा, ' मैं इतना कह सकता हूं कि मेरे कार्यकर्ताओं का दबाव मेरे ऊपर है, जिसे मैं महसूस कर रहा हूं लेकिन एक बार अगर पूरा परिवार बैठेगा तो सब ठीक हो सकता है.

उन्होंने कहा कि परिवार के भीतर बहुत ज्यादा समस्या नहीं है, लेकिन कोई भी फैसला लेने के पहले एक बार पूरे परिवार के साथ बैठेंगे. मुझे उम्मीद है कि परिवार के भीतर जब हम सब एक साथ बैठेंगे तो कोई सकारात्मक नतीजा निकलेगा.

सपा महासचिव रामगोपाल यादव से मतभेद के सवाल पर उन्होंने कहा कि रामगोपाल से मेरी कोई तल्खी नहीं है, मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं अब कोई गिला शिकवा नहीं. हाल ही में रामगोपाल के जन्मदिन पर शिवपाल उन्हें बधाई देने पहुंचे थे और एक दूसरे को केक भी खिलाया था. जबकि अखिलेश और शिवपाल के बीच बिगड़े रिश्ते के आरोप रामगोपाल यादव पर लगे थे.  

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शिवपाल ने कहा कि जब-जब मेरी जरूरत हुई मैं पार्टी के साथ खड़ा रहा हूं, चाहे राज्यसभा चुनाव के वोटिंग की बात हो या फिर ईद की इफ्तार की पार्टी की. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जब-जब मुझे बुलाया है, मैं गया हूं. उससे ज्यादा मेरी कोई बात अखिलेश यादव से नहीं हुई. राज्यसभा में वोटिंग के दौरान उन्होंने मुझसे बात की थी और फिर रमजान की इफ्तार पार्टी के लिए उन्होंने आमंत्रित किया था इसके अलावा मेरी कोई बात अखिलेश यादव से नहीं हुई.

शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि हमसे जुड़े कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और उन कार्यकर्ताओं का मुझ पर काफी दबाव लेकिन अलग राह चुनने जैसी फिलहाल कोई बात नहीं है. मुझे लगता है जो होगा अच्छा होगा.

उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल अलग राह पकड़ेंगे जैसी कोई बात मैं नहीं कह सकता, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में कुछ नई बात जरूर हो सकती है लेकिन इसका खुलासा मैं अभी नहीं कर सकता. शिवपाल ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता हमसे मिलने के लिए हमारे घर पर आते थे, लेकिन अब उनकी तादाद बढ़ने लगी है ऐसे में लोहिया ट्रस्ट में अब उनसे मुलाकात हो रही है.

गौरतलब है कि शिवपाल यादव के करीबी और सपा के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह भी इन दिनों बीजेपी के कार्यक्रमों में दिख रहे हैं. इतना ही नहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भी उनकी नजदीकियां बढ़ती दिख रही है. ऐसे में शिवपाल यादव को लेकर कयास तेज हो गए हैं.

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हालांकि चाचा-भतीजे (शिवपाल और अखिलेश यादव) मतभेद को सुलह कराने की कई कोशिशें हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजे नहीं निकले हैं. जबकि पिछले दिनों खबर आई थी कि अखिलेश यादव शिवपाल यादव को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर समझौता कर सकते हैं. लेकिन अभी तक कोई इसकी कोई घोषणा नहीं हुई है.

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