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नागालैंड के दीमापुर में भीड़ द्वारा रेपिस्ट को जेल से निकालकर फांसी पर लटकाने के तालिबानी कृत्य का केंद्र में बैठी एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने जायज ठहराया है. अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने नागालैंड की घटना को जनता का रोष बताया है. संपादकीय में कहा गया है कि जो दिल्ली के निर्भया कांड में होना चाहिए था, वो नागालैंड में हुआ. जन भावना क्या होती है नागालैंड के लोगों ने दिखा दिया.
निर्भया कांड के दोषी मुकेश द्वारा बीबीसी को दिए इंटरव्यू देने के प्रकरण की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा है कि निर्भया रेप मामले का आरोपी तिहाड़ जेल में बैठकर किसी नेता-अभिनेता की तरह इंटरव्यू दे रहा है. जहां पूरी दुनिया में भारत की जगहंसाई हो रही है, वहीं नागालैंड में एक रेपिस्ट को लोगों ने भरे चौक पर फांसी पर चढ़ा दिया.'
इसके साथ ही शिवसेना ने लचर कानून व्यवस्था और न्याय प्रक्रिया को लेकर भी निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा, 'निर्भया घटना के बाद भी मुंबई और दिल्ली में रेप की घटना हुई और कानून हमेशा की तरह सिर पकड़कर बैठ गया. लेकिन नागालैंड में रेपिस्ट को जेल से बाहर निकाल कर उसे फांसी पर लटकाया जाना, यह नियति का किया गया न्याय है.
शिवसेना का कहना है कि नागालैंड पहले से ही बांग्लादेशी घुसपैठियों के आक्रमण से परेशान है. लोगों ने कई बार आंदोलन किया, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला, जिसके चलते लोगों में असंतोष है. रेपिस्ट को फांसी पर लटकाया जाना भी इसी असंतोष का परिणाम है.