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पठानकोट एयरबेस पर बीते दिनों आतंकी हमले से सबक लेते हुए रक्षा मंत्रालय ने पश्चिमी कमांड के सभी एयरबेस को हाई अलर्ट जारी किया है. यही नहीं मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि किसी भी एयरबेस पर बिना अधिकार किसी के भी प्रवेश पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है, साथ ही ऐसे किसी भी व्यक्ति को देखते ही गोली मार देने के आदेश जारी किए गए हैं.
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना पश्चिमी कमांड के 54-55 एयरबेस पर सुरक्षा चाक-चौबंद करने वाली है. इन एयरबेस पर रणनीतिक संपत्ति रखी हुई हैं. सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही इस ओर सेना और पारा मिलिट्री फोर्स के साथ नियमित अभ्यास के साथ ही क्विक रिएक्शन टीम बनाने की कवायद भी शुरू हो गई है.
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार पठानकोट से सीख लेते हुए बहुत जल्द सभी एयरबेस को सुरक्षित करने के साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में जुट गई है.
पठानकोट हमले में सात जवान हुए थे शहीद
गौरतलब है कि 2 जनवरी को तड़के 3:30 बजे पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के छह आतंकियों ने पठानकोट में आतंकी हमला किया था. इसमें सुरक्षाबलों के सात जवान शहीद हो गए थे, जबकि लंबे चले ऑपरेशन के बाद सभी छह आतंकियों को मार गिराया गया था. इस हमले के बाद एयरफोर्स चीफ और सरकार ने बयान दिया था कि आतंकियों के निशाने पर वायुसेना के जहाज, हथियार और बड़े अधिकारी थे.
6-8 हजार करोड़ का आएगा खर्च
भारतीय वायुसेना ने सभी एयरबेस की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए उच्च तकनीक वाले सुरक्षा उपकरणों की भी मांग की है. बताया जाता है कि इसके लिए वायुसेना की ओर से 6000 से 8000 करोड़ के खर्च का आकलन किया गया है. इसके अलावा गरुड़ कमांडो की 10 अतिरिक्त स्क्वाड्रनों तैनाती की जाएगी, जिनमें से हर में 1000 जवान होंगे. देशभर में वायुसेना उड़ान और गैर उड़ान वाले प्रतिष्ठानों की संख्या 950 है. बताया जाता है कि ये फैसले वायुसेना की ओर से हाल ही आयोजित एक सुरक्षा बैठक में किए गए हैं. इनमें एयरबेस के चारों ओर बिजली के कटीली तारों वाली बाड़ भी लगाई जाएगी.