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शॉर्ट फिल्म: आखें खोलने वाला तजुर्बा है 'अदर्स'

सरकार कहते हैं, 'ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में हमें बहुत ही कम जानकारी है. हम बस उन्हें ट्रैफिक सिग्नलों पर भीख मांगते देखते हैं. यहां एक ऐसा शख्स है जिसने तमाम अड़चनों से लोहा लिया.'

कल का हिंदुस्तान वही होगा जो 'अदर्स' को स्वीकारेगा कल का हिंदुस्तान वही होगा जो 'अदर्स' को स्वीकारेगा
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

भारत में सब-इंस्पेक्टर बनने के लिए लिंग परिवर्तन कराने वाली पहली ट्रांसजेंडर के. पृथिका यशिनी की कहानी अब लाइट-कैमरा और एक्शन की दुनिया में देखने को मिलेगी. वरिष्ठ फिल्मकार प्रदीप सरकार ने अपनी शॉर्ट फिल्म 'अदर्स' में पृथि‍का की कहानी को न सिर्फ मजबूत आधार दिया है, बल्कि‍ भावनाओं का खयाल रखते हुए उसे मजबूती के साथ उभारा भी है.

शॉर्ट फिल्म 'अदर्स' के जरिए प्रदीप उस समुदाय की बात कर रहे हैं, जिसे उसकी कानूनी हैसियत के बावजूद अधिकतर लोगों ने तिलांजलि दे रखी है. यह फिल्म मंगलवार से लोगों के लिए आसान पहुंच में यानी ऑनलाइन उपलब्ध होगी.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2016 में हुआ प्रीमियर शो
इस शॉर्ट फिल्म का प्रीमियर शो इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2016 में हुआ था. पृथि‍का यशिनी की संघर्षों से भरी प्रेरणास्पद कहानी सरकार के मन को छू गई. वह इससे पहले रुपहले पर्दे पर 'मर्दानी' में सख्त महिला पुलिस अफसर के रूप में रानी मुखर्जी, जबकि 'परिणीता' में मजबूत इरादों वाली युवा स्त्री के किरदार में विद्या बालन को दुनिया के सामने ला चुके हैं.

'आंख खोलने वाला' तजुर्बा है 'अदर्स'
सरकार के लिए आने वाले कल का हिंदुस्तान वही होगा जो 'अदर्स' को स्वीकार करेगा और उन्हें बराबरी के मौके देगा. सरकार कहते हैं, 'ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में हमें बहुत ही कम जानकारी है. हम बस उन्हें ट्रैफिक सिग्नलों पर भीख मांगते देखते हैं. यहां एक ऐसा शख्स है जिसने तमाम अड़चनों से लोहा लिया.' सरकार ने इस फिल्म के लिए छह ट्रांसजेंडर्स को राजी किया, जिसे वे 'आंख खोलने वाला' तजुर्बा कहते हैं. सोनल सहगल ने इसका स्क्रिप्ट लिखा है.

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