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नरक चतुर्दशी के पर्व पर इस शुभ मुहूर्त में जलाएं दीए...

धनतेरस के दूसरे दिन और दीवाली के एक दिन पहले आने वाली तिथि को नरक चतुर्दशी या फिर रूप चौदस के रूप में मनाया जाता है...

नरक चतुर्दशी 2016 नरक चतुर्दशी 2016
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्‍ली,
  • 28 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

दीवाली का त्योहार धनतेरस के पूजन से शुरू हो जाता है और इसी के साथ पांच दिन तक चलने वाले इस पर्व को लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. धनतेरस के दूसरे दिन और दीपावली के एक दिन पहले छोटी दीवाली यानी कि नरक चौदस का त्योहार मनाया जाता है.

नरक चतुर्दशी पूजन का शुभ मुहूर्त...
नरक चतुर्दशी पर सुबह तेल लगाकर चिचड़ी की पत्तियां पानी में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है. इस मौके पर 'दरिद्रता जा लक्ष्मी आ' कह घर की महिलाएं घर से गंदगी को घर से बाहर निकालती हैं. इस बार शाम 5:20 से शाम 6 बजे तक दीपक रोशन कर दें.

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नरक चतुर्दशी पूजन-विधि
- इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले नहा धोकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें और संभव हो तो तिल का तेल लगाने के बाद नहाएं.
- इस दिन शरीर पर चंदन का लेप लगाकर नहाने और भगवान कृष्ण की उपासना करने का भी विधान है.
- शाम के समय घर की दहलीज पर दीप जलाएं और यम देव की पूजा करें.
- नरक चौदस के दिन भगवान हनुमान की पूजा भी की जाती है.

नरक चौदस को क्यों कहा जाता है छोटी दीवाली...
दीवाली के एक दिन पहले आने वाले इस त्योहार के दिन दीप दान किए जाते हैं. इस दिन घर के द्वार पर दीपक जलाए जाते हैं. इसलिए इसे छोटी दीवाली कहा जाता है.

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