
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप कहीं जाते रहते हैं और थोड़ी दूर जाने पर आपको एहसास होता है कि आप गलत रास्ते पर आ गए हैं? अक्सर ऐसा उस वक्त होता है जब हम किसी बात से परेशान होते हैं और चिंता करते हैं.
ऐसी स्थिति में अक्सर हम गलत मोड़ ले लेते हैं और हमारी इस गलती के लिए हमारा मस्तिष्क जिम्मेदार होता है.
दरअसल होता ये है कि तनाव के दौरान हमारे दिमाग का दायां भाग हमें बाएं ओर चलने के लिए प्रेरित करता है. यूनिवर्सिटी ऑफ केंट की डॉक्टर मारियो वीक ने पहली बार मस्तिष्क के दो भागों की सक्रियता को व्यक्ति के चलने से जोड़कर देखा है.
इस शोध के लिए शोधार्थियों ने कुछ लोगों से आंखों पर पट्टी बांधकर एक कमरे में सीधे चलने के लिए कहा. इन लोगों को पहले से ही उस कमरे की स्थिति के बारे में पता था.
शोधार्थियों को इस प्रयोग के दौरान पता चला कि हिस्सा लेने वाले जो प्रतिभागी चिंताग्रस्त थे वे बाएं ओर घूम गए. ऐसा उनके दिमाग के दाएं हिस्से के अति सक्रिय होने की वजह से हुआ.
यह शोध बताता है कि मस्तिष्क के यह दो हिस्से आपस में अलग-अलग प्रेरक तंत्रों के साथ जुड़े हैं. इस शोध के जरिए पहली बार मानसिक अवरोध और मस्तिष्क के दाएं हिस्से की सक्रियता के बीच स्पष्ट संबंध का पता चल पाया है.