Advertisement

एक टेस्ट मैच... और भारत की ओर खेले 4 सिख क्रिकेटर, जानें कब हुआ ऐसा

भारत ने 1932-2020 के दौरान अब तक 542 टेस्ट खेले हैं. इनमें से एक टेस्ट ऐसा भी है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास साबित हुआ.

नवजोत सिंह सिद्धू और मनिंदर सिंह (फाइल फोटो- Getty) नवजोत सिंह सिद्धू और मनिंदर सिंह (फाइल फोटो- Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

  • यादगार रहा 1983 का अहमदाबाद टेस्ट
  • सिद्धू, मनिंदर, बलविंदर, गुरशरण खेले

भारत ने 1932-2020 के दौरान अब तक 542 टेस्ट खेले हैं. इनमें से एक टेस्ट ऐसा भी है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास साबित हुआ. 1983 (12-16 नंवबर) में अहमदाबाद में वह टेस्ट मैच खेला गया था. उस टेस्ट की खासियत यह थी कि भारत की ओर से 4 सिख क्रिकेटर खेले थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ 6 टेस्ट मैचों की सीरीज का वह तीसरा टेस्ट हारकर भारत 0-2 से जरूर पिछड़ गया, लेकिन पहली बार किसी एक मैच में इतने सिख क्रिकेटरों के प्रतिनिधित्व ने उस टेस्ट को यादगार बना दिया.

Advertisement

1983 का अहमदाबाद टेस्ट: सिख क्रिकेटर जो खेले -

सरदार पटेल (गुजरात) स्टेडियम मोटेरा में कपिल देव की कप्तानी में नवजोत सिंह सिद्धू को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला. उस टेस्ट में 1983 वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम में रहे तेज गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू खेले, जिनके करियर का वह आखिरी टेस्ट रहा. लेफ्ट आर्म स्पिनर मनिंदर सिंह भी उस टेस्ट में थे. उनके अलावा सिख क्रिकेटर गुरशरण सिंह सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतरे.

उस टेस्ट में प्रदर्शन

1. नवजोत सिंह सिद्धू : 15 और 4 रन

2. बलविंदर सिंह संधू: एक विकेट (विंडीज की दूसरी पारी में)

3. मनिंदर सिंह : 4 विकेट (विंडीज की पहली पारी में )

4. गुरशरण सिंह: स्थानापन्न (सब्स्टीट्यूट) फील्डर के तौर पर मैच में कुल 4 कैच लपके. कमाल की बात है कि उन्होंने फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर ये कैच पकड़े.

Advertisement

बलविंदर सिंह संधू और गुरशरण सिंह (फाइल फोटो)

FACTS -

- वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में खेले गए अगले टेस्ट के लिए सिख क्रिकेटरों में सिर्फ मनिंदर सिंह को रखा गया. नवजोत सिंह सिद्धू को बाहर बैठना पड़ा. इसके बाद सिद्धू को मद्रास (चेन्नई) में खेले गए सीरीज के आखिरी टेस्ट में दोबारा मौका मिला.

-इस मैच में तेज गेंदबाज रोजर बिन्नी को पीठ में दर्द की वजह से मैदान छोड़ना पड़ा. उनकी जगह फील्डिंग के लिए गुरशरण सिंह उतरे. सब्स्टीट्यूट के तौर पर टेस्ट में चार कैच लेने वाले वह पहले खिलाड़ी बने. बाद में यूनुस खान (पाकिस्तान, 2001), वीरेंद्र सहवाग (भारत, 2002) और जैक्सन बर्ड (ऑस्ट्रेलिया, 2017) ने भी सब्स्टीट्यूट के तौर पर एक टेस्ट में 4-4 कैच लपके.

-1983 का वह अहमदाबाद टेस्ट कपिल देव के लिए भी यादगार रहा. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में कपिल देव ने 83 रन देकर 9 विकेट चटकाए. टेस्ट क्रिकेट में कपिल की यह सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी रही.

लाल सिंह थे भारत के पहले सिख क्रिकेटर

-भारत की ओर से पहले सिख क्रिकेटर, जिन्होंने टेस्ट मैच खेला- उनका नाम है लाल सिंह. मलेशिया में पैदा हुए लाल सिंह 1932 में एकमात्र टेस्ट के लिए इग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टीम में शामिल थे. लॉर्ड्स में खेले गए उसी टेस्ट मैच के साथ भारत के टेस्ट इतिहास की शुरुआत हुई थी. लाल सिंह बेहतरीन फील्डर थे, मैच के आधे घंटे के अंदर उन्होंने अपने गजब के थ्रो पर फ्रैंक वूली को रन आउट कर दिया था.

Advertisement

-भूपिंदर सिंह (पटियाला के महाराजा) जो खुद भी क्रिकेटर रहे, उनके बेटे यादविंद्र सिंह भारत की ओर से 1934 में एक टेस्ट मैच खेले. मद्रास के समकालीन राम सिंह को तो टेस्ट कैप नहीं मिली, लेकिन उनके दोनों बेटे एजी कृपाल सिंह और एजी मिल्खा सिंह भारत की ओर से क्रमश: 14 और 4 टेस्ट मैच खेले. कहा जाता है कि कृपाल सिंह बाद में क्रिश्चियन बन गए थे. उन्होंने क्रिश्चियन युवती से शादी कर ली थी.

-भारत के टेस्ट इतिहास में कई ऐसे सिख क्रिकेटर आए, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया. बिशन सिंह बेदी (1966-1979, 266 टेस्ट विकेट) और हरभजन सिंह (1998-2015, 417 टेस्ट विकेट) की फिरकी तो वर्षों छाई रही. नवजोत सिंह सिद्धू (1983-1999) ने 42.13 के एवरेज से 3202 रन बनाए, उनके 9 शतकों में एक दोहरा शतक भी शामिल है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement