Advertisement

दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने पर भड़की SGPC, सड़क पर उतरेगी

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने को लेकर कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी नाम बदलने का जोरदार विरोध किया गया है और कहा है कि इसका नाम बदलने के विरोध पर सडक़ों पर उतरने से गुरेज नहीं किया जाएगा.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक
मोहित पारीक/मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने को लेकर कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी नाम बदलने का जोरदार विरोध किया गया है और कहा है कि इसका नाम बदलने के विरोध पर सडक़ों पर उतरने से गुरेज नहीं किया जाएगा. जनरल सचिव और बीजेपी अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में बुलाई गई मीटिंग में पास किए मत के द्वारा दयाल सिंह कालेज के ट्रस्ट की गवर्निंग बाडी की निंदा की गई है. बता दें कि दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का नाम वंदे मातरम् कर दिया गया है.  

Advertisement

कमेटी का कहना है कि उसको कहा गया कि यह तजवीज तुरंत वापिस ली जाए नहीं तो दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की तरफ से जोरदार रोष प्रदर्शन किया जाएगा और इस प्रक्रिया को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाए जाएंगे. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दयाल सिंह एजुकेशन ट्रस्ट सोसायटी ने यह कॉलेज चलाने के लिए जमीन खुद खरीदी थी और सरकार से इसको कोई मदद नहीं मिली थी.

उन्होंने कहा कि दयाल सिंह मजीठिया दूरदर्शी सोच के मालिक थे, जिन्होंने कई स्कूल और कॉलेज स्थापित करने के साथ-साथ ट्रिब्यून अखबार शुरू किया, पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की और खुद के पैसों से कई अन्य संस्थाएं भी स्थापित की. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की गवर्निंग बॉडी इस कॉलेज को चला रही है और इस की तरफ से कॉलेज का नाम वंदे मातरम् विद्यालय रख कर जमीन-जायदाद हड़पने की साजिश रची गई है.

Advertisement

नाम बदलने में आगे मोदी सरकार, 3 साल में बदल डाली इन सबकी पहचान

उन्होंने ये भी कहा कि इस बिल्डिंग और जायदाद में यह नहीं खुलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गवर्निग बॉडी ने न सिर्फ यह गैर कानूनी फैसला लिया, क्योंकि इस के पास नाम बदलने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि इस की तरफ से कई ओर विवादग्रस्त फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस गवर्निंग बॉडी का गठन दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की तरफ से किया जाता है और इस तजवीज ने इसके सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement