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चीन बॉर्डर के पास सिक्किम में आज पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग

सिक्किम में विपक्षी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और बीजेपी का मकसद इन चुनावों के जरिए राज्य में अपने जनाधार को बढ़ाना है. यहां की 84 जिला पंचायत में करीब 228 उम्मीदवार खड़े हुए हैं, वहीं 499 ग्राम पंचायतों पर 1062 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

सिक्किम में चुनाव सिक्किम में चुनाव
मोहित ग्रोवर
  • सिक्किम,
  • 03 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

चीन बॉर्डर से सटे सिक्किम राज्य में आज पंचायत चुनावों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार को 1 नवंबर को ही बंद कर दिया गया था. प्रचार की आखिरी रैली मुख्यमंत्री पवन कुमार चमलिंग ने की थी.

सिक्किम में विपक्षी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और बीजेपी का मकसद इन चुनावों के जरिए राज्य में अपने जनाधार को बढ़ाना है. यहां की 84 जिला पंचायत में करीब 228 उम्मीदवार खड़े हुए हैं, वहीं 499 ग्राम पंचायतों पर 1062 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

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इन चुनावों में कुल 2.63 लाख वोटर्स वोट डालेंगे. अभी तक पंचायत सीटों पर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का ही कब्जा है. SDF ने 537 ग्राम पंचायतों वार्ड और 27 जिला पंचायतों पर कब्जा किया हुआ था. आपको बता दें कि हाल ही में भारत और चीन के बीच जो डोकलाम विवाद चल रहा था, जो कि सिक्किम बॉर्डर के ही करीब था.

सिक्किम का अनोखा इतिहास

सिक्किम का अनोखा इतिहास रहा है. भारत ने 1947 में स्वाधीनता हासिल की थी, लेकिन उस दौरान सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं बना था. आजादी के बाद पूरे देश में सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में अलग-अलग रियासतों का भारत में विलय किया गया. इसी क्रम में 6 अप्रैल, 1975 की सुबह सिक्किम के चोग्याल को अपने राजमहल के गेट के बाहर भारतीय सैनिकों के ट्रकों की आवाज़ सुनाई दी.

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1975 में ही सिक्किम में जनमत संग्रह कराया गया. जनमत संग्रह में 97.5 फीसदी लोगों ने भारत के साथ जाने की वकालत की. जिसके बाद सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने का संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में पेश किया गया.

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