Advertisement

Exclusive: हनीप्रीत का खेल ख़त्म, जसमीत सिंह की ताजपोशी की तैयारियां शुरू

अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत के लिए सबसे बुरी ख़बर आने वाली है. अब गुरमीत राम रहीम का बेटा जसमीत सिंह इंसा डेरे की कमान संभालने वाला है. यानी वो सब कुछ होने वाला है, जो हनीप्रीत अपने जीते-जी कभी देखना नहीं चाहती थी. इस बीच गुरमीत राम रहीम का परिवार डेरे में वापस लौट आया है.

जसमीत को डेरा की कमान दिए जाना अब लगभग तय है जसमीत को डेरा की कमान दिए जाना अब लगभग तय है
परवेज़ सागर/मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 29 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:04 AM IST

अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत के लिए सबसे बुरी ख़बर आने वाली है. अब गुरमीत राम रहीम का बेटा जसमीत सिंह इंसा डेरे की कमान संभालने वाला है. यानी वो सब कुछ होने वाला है, जो हनीप्रीत अपने जीते-जी कभी देखना नहीं चाहती थी. इस बीच गुरमीत राम रहीम का परिवार डेरे में वापस लौट आया है.

सिरसा का डेरा सच्चा सौदा एक बार फिर गुलजार हो सकता है. शुक्रवार को गुरमीत राम रहीम का परिवार डेरे में वापस लौट आया. इसके बाद मंगलवार को सिरसा में डेरा संचालन को लेकर बाबा की माता नसीब कौर ने एक अहम बैठक बुलाई है. ख़बर है कि इससे पहले ही डेरा की चेयरपर्सन विपासना ने बाबा के बेटे जसमीत सिंह को डेरे की सारी चाबियां सौंप दी हैं. विपासना पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है.

Advertisement

पता चला कि जसमीत इंसा पिता गुरमीत राम रहीम से डेरा संचालन की इजाज़त ले चुका है. ख़बर है कि आगामी 25 नवंबर को शाह सतनाम के जन्मदिन के मौके पर विधिवत रूप से जसमीत की ताजपोशी हो सकती है, लेकिन प्रशासन ने इस पर फिलहाल पाबंदी लगाई है.

हनीप्रीत का खेल खत्म!

डेरा सच्चा सौदा की सबसे शक्तिशाली महिला हनीप्रीत इंसा का खेल अब लगभग ख़त्म हो गया है. लगभग दो दशकों से डेरे की रानी बन कर रही हनीप्रीत के पास अब पछताने के सिवाय कुछ नहीं बचा है. उसे पनाह देने वाला बाबा और वो खुद अब जेल की सलाखों के पीछे बंद हैं. कभी डेरा में गुरमीत राम रहीम के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाली हनीप्रीत की जिंदगी अब अंबाला सेंट्रल जेल की कोठरी नंबर 11 तक ही सिमट कर रह गई है.

Advertisement

गुरमीत के जेल जाने के बाद हनीप्रीत के सारे सपने टूट गए. चाहे वो डेरे का उत्तराधिकारी बनने का सपना हो या फिर फिल्मों में सलमान ख़ान के साथ काम करने का ख्वाब. गुरमीत राम रहीम के परिवार को उससे दूर रखने की हसरत रखने वाली हनीप्रीत के सपने रेत के महल की तरह कण-कण बिखर गए हैं.

गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत का डेरा सच्चा सौदा पर राज करने का सपना अब कभी भी पूरा नहीं होगा. अब न तो वो पुराने दिन हैं, न बाबा का अधिपत्य और न ही खनकते सिक्के. उसके लिए उससे भी बुरी खबर ये है कि गुरमीत राम रहीम का परिवार अब राजस्थान के गुरुसर मोडिया से वापस सिरसा के डेरे में पहुंच गया है.

अब राम रहीम का बेटा जसमीत सिंह इंसा डेरा की कमान संभालने जा रहा है. अब शायद वो सब होने वाला है जो हनीप्रीत कभी नहीं चाहती थी. दशहरा और दिवाली के मौके पर सुनसान रहा डेरा अब एक नए परिवर्तन के लिए तैयार है. माना जा रहा है कि जसमीत की ताजपोशी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.

गुरमीत राम रहीम का परिवार शुक्रवार की रात अचानक डेरा मुख्यालय पहुंच गया. डेरे से जुड़े सूत्रों की मानें तो डेरा में अब गुरमीत राम रहीम के बेटे जसमीत इंसान की ताजपोशी की तैयारियां चल रही हैं. इस सिलसिले में जसमीत की दादी नसीब कौर ने मंगलवार को डेरा में एक अहम बैठक बुलाने का फैसला किया है.

Advertisement

इस बैठक में गुरमीत राम रहीम के ससुराल से भी कुछ लोगों को बुलाया गया है. बैठक गुरमीत राम रहीम के आवास में आयोजित की जाएगी. जिसे शाही महल के नाम से जाना जाता है. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में ये तय किया जाएगा कि भविष्य में डेरा का संचालन कैसे होगा. वैसे जसमीत को डेरा संभालने की ज़िम्मेवारी पहले ही दी जा चुकी है.

रविवार को नसीब कौर नाम-चर्चा का आयोजन करना चाहती थी, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाज़त नहीं दी. एक ओर जहां मंगलवार की बैठक को बेहद गुपचुप तरीके से आयोजित किया जा रहा है. वहीं अब 25 नवंबर को गुरमीत राम रहीम के गुरु शाह सतनाम के जन्मदिन के मौके पर जसमीत को विधिवत डेरा का प्रमुख बनाए जाने की ख़बर है.

डेरा सूत्रों के मुताबिक अगर प्रशासन ने इसकी इजाज़त नहीं दी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी की जा रही है. कुल मिलाकर अब हनीप्रीत के सपनों का महल ढह जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement