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धोनी और डुमिनी ने माना मैच का टर्निंग प्वाइंट था 16वां ओवर

दक्षिण अफ्रीका को पहले टी20 मैच में शानदार जीत दिलाने वाले बल्लेबाज जेपी डुमिनी ने कहा कि 16वां ओवर उनकी टीम के लिये निर्णायक मोड़ साबित हुआ जिसमें उन्होंने 22 रन बनाए.

aajtak.in
  • धर्मशाला,
  • 03 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 8:09 AM IST

दक्षिण अफ्रीका को पहले टी20 मैच में शानदार जीत दिलाने वाले बल्लेबाज जेपी डुमिनी ने कहा कि 16वां ओवर उनकी टीम के लिये निर्णायक मोड़ साबित हुआ जिसमें उन्होंने 22 रन बनाए.

डुमिनी ने उस ओवर में बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल को लगातार तीन छक्के जड़कर 22 रन बनाए. उन्होंने 34 गेंद की अपनी पारी में नाबाद 64 रन जोड़े जिसमें सात छक्के और एक चौका शामिल था.

डुमिनी ने कहा, ‘हमारे लिये शुरुआत महत्वपूर्ण थी . हमने छह ओवरों में विकेट नहीं गंवाये और एबी तथा अमला ने अच्छी शुरुआत दी. टर्निंग प्वाइंट 16वां ओवर था. हमें एक बड़े ओवर की तलाश थी जो 16वां ओवर साबित हुआ.’ डुमिनी ने फरहान बेहार्डियेन (नाबाद 32) के साथ चौथे विकेट के लिये 105 रन की अटूट साझेदारी की. उन्होंने कहा,‘हमने टिककर खेलने की कोशिश की क्योंकि उस समय वही जरूरी था.

हमारा आपसी तालमेल बेहतर हुआ. हमारा फोकस बड़ी साझेदारी करके 14 से 15 रन प्रति ओवर बनाना था.’ उन्होंने कहा कि टास जीतने के बाद फील्डिंग का फैसला कठिन नहीं था लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले मैचों में सिक्के की उछाल की भूमिका इतनी अहम नहीं होगी.

उन्होंने कहा,‘हमने रात में फील्डिंग का अभ्यास किया था और हमें महसूस हुआ कि मैदान पर ओस है जो प्रभावी होगी. हमें अपने बल्लेबाजों पर भरोसा था कि हम किसी भी लक्ष्य को हासिल कर लेंगे . हमने सही फैसला किया.’

एक ओवर में तीन छक्के नहीं पड़ने चाहिए : धोनी
वहीं भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में उन्हें उन दो या तीन खराब ओवरों का खामियाजा भुगतना पड़ा जिनमें काफी चौके छक्के पड़े. भारतीय बल्लेबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 199 रन बनाए लेकिन गेंदबाज इसके बावजूद टीम को जीत नहीं दिला सके. मेहमान टीम ने दो गेंद बाकी रहते सात विकेट से जीत दर्ज की.

मैन आफ द मैच जेपी डुमिनी ने स्पिनर अक्षर पटेल को 16वें ओवर में तीन छक्के लगाकर 22 रन लिए. धोनी ने कहा कि एक गेंदबाज के लिये एक ओवर में धुनाई के बाद मजबूत वापसी जरूरी है लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

उन्होंने कहा, ‘यह बल्लेबाजों का मुकाबला लग रहा था. एक बार बड़ा शॉट लगने के बाद आपको अगली बार संभलकर अच्छी गेंद डालनी चाहिए. एक ओवर में तीन छक्के या चौके नहीं पड़ने चाहिये क्योंकि इससे विरोधी बल्लेबाज दबाव बना लेते हैं.’ उन्होंने कहा कि टीम को दो या तीन खराब ओवरों का खामियाजा भुगतना पड़ा.

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