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बूचड़खानों पर बैन, बिगड़ा मुरादाबादी बिरयानी का ज़ायका

मुरादाबाद के असालतपुरा में शाम होते ही नॉनवेज खाने के शौकीनों से बाजार गुलजार रहता था, लेकिन अब तस्वीर कुछ अलग है. बाजार में सन्नाटा पसरा है. शहर के बाहर बूचड़खानें तो बंद हैं ही, शहर में चिकन और मटन की दुकानों पर भी ताले ही नजर आ रहे हैं. आलम ये है कि नहारी की दुकान में आलू की सब्जी और मटन बिरयानी की जगह चिकन बिरयानी ने ले ली है.

बूचड़खाने बंद होने का बिरयानी की दकानों पर असर बूचड़खाने बंद होने का बिरयानी की दकानों पर असर
आशुतोष मिश्रा
  • मुरादाबाद,
  • 23 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेते ही पूरे प्रदेश में प्रशासन और पुलिस ने बूचड़खानों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. हर शहर में बूचड़खानों पर छापा मारकर किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर बूचड़खाने सील कर दिए हैं. वहीं इस कार्रवाई के बाद मुरादाबाद की मशहूर बिरयानी का जायका बिगड़ गया है.

मुरादाबाद के असालतपुरा में शाम होते ही नॉनवेज खाने के शौकीनों से बाजार गुलजार रहता था, लेकिन अब तस्वीर कुछ अलग है. बाजार में सन्नाटा पसरा है. शहर के बाहर बूचड़खानें तो बंद हैं ही, शहर में चिकन और मटन की दुकानों पर भी ताले ही नजर आ रहे हैं. आलम ये है कि नहारी की दुकान में आलू की सब्जी और मटन बिरयानी की जगह चिकन बिरयानी ने ले ली है. असालतपुरा में नॉनवेज खाने की दुकान वालों का आरोप है कि मुरादाबाद पुलिस ने चिकन और मटन की दुकानें भी बंद करवा दी हैं.

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इमरान की दुकान में शाम को लोग मटन कीमा और रोटी का लुत्फ लेने आते थे. लेकिन अब मेन्यू में सिर्फ चिकन है, मटन नहीं. क्योंकि बाजार में मटन कहीं नहीं मिल रहा है. इमरान का कहना है कि इस बंद के चलते मुरादाबाद की मशहूर बिरयानी में मटन की बजाय जल्दी ही सोयाबीन मिलने लगेगी.

गौरतलब है कि मुरादाबाद मुस्लिम बहुल इलाका है. यहां मांसाहार की खपत ज्यादा है. खाने के शौकीन लोगों का जायका मुरादाबाद में बिगड़ गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नॉनवेज उनकी पहली पसंद है. ऐसे में एक सवाल ये है कि क्या योगी सरकार पूरे प्रदेश में नॉनवेज खानेवालों का जायका खराब करने के मूड में है, या ये स्थानीय प्रशासन की गर्मजोशी है. बदली सरकार में सत्ता को खुश करने के लिए वो लोगों की अपनी पसंद के खाने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं.

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