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Slow Travel: घूमने का असली मजा ऐसे ही आता है...

दो-चार दिन में क्या किसी जगह को ठीक से देख सकते हैं आप? यही वजह है कि अब पर्यटकों को 'स्लो ट्रैवल' का कॉन्सेप्ट पसंद आ रहा है...

जहां जाएं वहां सा‍इक‍ि‍ल की सवारी कर नजारे देख सकते हैं... जहां जाएं वहां सा‍इक‍ि‍ल की सवारी कर नजारे देख सकते हैं...
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2016,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

जिंदगी की भागदौड़ से दूर कुछ वक्त अपने लिए निकालना बहुत ही जरूरी होता है. इसलिए ट्रैवल का एक नया ट्रेंड 'स्लो ट्रैवल' लोगों की पसंद बनता जा रहा है. लोग अब रिमोट एरिया में छुट्टियां बिताना पसंद करते हैं जहां वो पैदल या साइकिल से पूरी यात्रा कर सकें.

ट्रेन से जर्नी करना है यात्रियों की पसंद
ट्रैवल वेबसाइट, ट्रिप एडवाइजर्स का मानना है कि ट्रैवल की स्पीड अब धीमी हो गई है और पर्यटक अपने डेस्टिनेशन को पास से अनुभव करने के लिए फ्लाइट की जगह ट्रेन से ट्रैवल करना पसंद करते हैं. साथ ही वे हर वो काम करना चाहते हैं जो उस जगह के लोकल लोग करते हैं. इसका मकसद यही है कि वे वहां की जिंदगी अौर चीजों का भरपूर मजा ले सकें.

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हर पल को जीना है मकसद
अब ट्रैवल और पर्यटक, दोनों की परिभाषा बदल रही है. अब छुट्ट‍ियां महज रोजमर्रा की जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए नहीं हैं. लोग चाहते हैं कि उनके पास यात्रा के पल ऐसे हों जो छुट्टियां खत्म होने के बाद भी उनके जेहन में ताजा रहें और उन्हें अगली छुट्टी तक एनर्जी देते रहें.

लोकल एरिया को पास से जानने का अनुभव
ट्रैवल मार्केटिंग की फील्ड से जुड़े एक्सपर्ट मानते हैं कि यात्रा करने का अनुभव हमेशा अलग होता है और स्लो ट्रैवल तो यात्रा के हर क्षण को अपने में कैद कर लेता है. इस भागदौड़ के समय में स्लो ट्रेवल लोगों को ना सिर्फ रिलेक्स करता है बल्कि उन्हें हर पल को जीने का मौका भी देता है. लोकल खाने का लुत्फ उठाना और स्थानीय निवासियों के साथ कुछ पल बिताना एक अलग ही एहसास कराता है.

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वीकेंड ट्रैवल से बचने लगे हैं लोग
डिजिटल वर्ल्ड से दूर रहने की चाहत कहें या अपने दिमाग को शांत रखने की जरुरत, लोग अब 'ओवर-द-वीकेंड' ट्रैवल से बच रहे हैं, जहां छुट्टियां शुरु होने से पहले ही खत्म हो जाती हैं. आज के यात्री बहुत एडवांस हैं. वे असाधारण चीजें देखने में विश्वास रखते हैं. बहुतों के लिए स्लो ट्रैवल का मतलब है लग्जरी से दूर रहना.

कुछ अलग करने की चाहत
कुछ लोगों के लिए 'स्लो ट्रैवल' का मतलब कश्मीर के किसी रिजाॅर्ट में किताबें पढ़ते हुए वक्त बिताना है तो किसी के लिए हिमाचल के किसी मठ में मेडिटेशन करना. फिशिंग हो या बोट राइडिंग, लम्बी पैदल यात्रा हो या लम्बी ट्रेन जर्नी, ये सब स्लो ट्रैवल के प्लान्स में शामिल हो सकते हैं.

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