
नोटबंदी के 41 गुजर जाने के बाद सरकारी संस्थानों की बजाय छोटे व्यापारी कैशलेस इंतजाम को लेकर ज्यादा जागरूक नजर आ रहे हैं. 'आजतक' की टीम जब दिल्ली के आईटीओ में रियलिटी चेक करने पहुंची, तो एक छोटी दुकान में कैशलेस पेमेंट के इंतजाम देखकर हैरान रह गई.
पिछले कई सालों से आईटी के पासपोर्ट दफ्तर के ठीक सामने फोटोकॉपी, फॉर्म फिलिंग और पासपोर्ट साइज फोटो की दुकान चला रहे पंकज और मोहसिन ने कैशलेस पेमेंट के इतंजाम किए हैं. इस दुकान में पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन भरने के लिए 1700 रुपये फीस देनी होती है, जो लोग इंटरनेट या कैश की किल्लत की वजह से ये काम नहीं कर पाते हैं, वो यहां जरूर आते हैं.
ऑनलाइन बैंकिंग का किया इंतजाम
पंकज ने बताया कि नोटबंदी के 4 दिन बाद ही पेटीएम लगवाया, क्योंकि खुले नोट और कैश को लेकर काफी दिक्कत आ रही थी. इसके अलावा उन्होंने अपनी दुकान में ऑनलाइन बैंकिंग का इंतजाम भी किया है.
गिनाए पेटीएम के फायदे
मोहसिन पेटीएम के फायदे गिनाते हुए बताते हैं कि इसके जरिए 2 रुपये से 200 रुपये तक का मनी ट्रासंफर कर लेते हैं. हालांकि, कई ऐसे लोग भी दुकान में आते हैं, जिनके पास कैश नहीं होता और सिर्फ डेबिट या क्रेडिट कार्ड होता है. मोहसिन ने बताया कि इस परेशानी से निपटने के लिए वो स्वाइप मशीन खरीदने जा रहे हैं. सरकार नोटबंदी के बाद ज्यादा से ज्यादा कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दे रही है. छोटे व्यापारी तो कैशलेस की राह पर निकल पड़े हैं, लेकिन सरकारी संस्थानों में कैशलेस को अपनाने का रवैया बेहद ढीला नजर आ रहा है.