
आए दिन आपको ये सुनने को मिलता है कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने कई लाख स्मार्टफोन बेच दिए. ये आंकड़े किसी कंपनी के भी होते हैं और ओवरऑल भी होते हैं. ई-कॉमर्स कंनियों जैसे फ्लिपकार्ट और ऐमेजॉन इंडिया की कमाई का ज्यादा हिस्सा भी स्मार्टफोन की सेल से आत है. लेकिन इसमें भी फ्रॉड चल रहा है ऐसा एक रिपोर्ट से सामने आया है जो techARC की है. ये एक रिसर्च अनालिटिक कंपनी है और गुरूग्राम बेस्ड इस फर्म ने कुछ दावे किए हैं आइए इनके बारे में जानते हैं.
एक तरह का फ्रॉड है जो स्मार्टफोन इंडस्ट्री में चल रहा है, खास कर भारतीय मार्केट में. एक रिपोर्ट के मुताबिक 38 फीसदी से ज्यादा स्मार्टफोन भारत में ऑनलाइन बेचे जाते हैं. लेकिन एक एक रिसर्च फर्म के आंकड़ो को देखें तो ये सारे दावे गलत लगते हैं. इस फर्म ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इनके मुताबिक फ्लिपकार्ट और ऐमेजॉन इंडिया जैसी से रिसेलर्स कुछ खामियों का फायदा उठा कर बल्क में स्मार्टफोन्स खरीदते हैं.
रिसर्च फर्म के मुताबिक जब भी किसी स्मार्टफोन की फ्लैश सेल या एक्स्क्लूसिव लॉन्च ई-कॉमर्स वेबसाइट पर होता है तो ऑफलाइन रिसेलर्स अलग अलग अकाउंट्स से बल्क में खरीद लेती हैं, ताकि आंकड़े दिखाए जा सकें.
रिपोर्ट के मुताबिक ये कंपनियां इसे खरीद कर फिर ऑफलाइन बिक्री करती हैं और इसकी कीमतें ज्यादा होती हैं. चूंकि ऑनलाइन कस्टमर्स को आउट ऑफ स्टॉक का मैसेज मिलता है, इसलिए कस्टमर्स ऑफलाइन खरीदते हैं और उसी स्मार्टफोन के लिए ज्यादा पैसे भी देते हैं.
techARC की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिसेलर्स कई बार पॉपुलर स्मार्टफोन बल्क में ऑर्डर करने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट की खामियों का फायद उठाते हैं. ऐसे डिवाइस शॉप में बेचे जाते हैं जहां इसे वो कुछ ज्यादा कीमत पर बेचे जाते हैं.
इस फर्म का दावा है कि असलियत में भारत में टोटल स्मार्टफोन्स की बिक्री का सिर्फ 21 से 24 फीसदी ही ऑनलाइन खरीदा जाता है जो असल कस्टमर्स होते हैं.