
दिल्ली में जहरीले स्मॉग पर से आम आदमी बेहाल है और राजनीति पार्टियां इस मुद्दे को लेकर सियासत में जुटी हैं. एनजीटी की फटकार के बाद केंद्र से दिल्ली सरकार हरकत में आई है. हालांकि दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सीधे तौर पर पड़ोसी राज्यों को कसूरवार ठहराया है.
दरअसल दिल्ली में लगातार तीसरे दिन भी स्मॉग की स्थिति जस की तस है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण ने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आप सुनकर सन्नाटे में आ जाएंगे कि दिल्ली वालों के फेफड़े 40 सिगरेट के बराबर धुआं रोज़ सोख रहे हैं.
रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली सामान्य से 20 गुना ज्यादा प्रदूषित हो गई है. दिल्ली में हर चौथे बच्चे को फेफड़े की शिकायत है. जिससे अस्पतालों में 25 फीसदी तक मरीज़ बढ़ गए हैं. यही नहीं, सांस के मरीज़ों की संख्या 5 से 6 गुना बढ़ गई है.
करीब 1800 स्कूलों में छुट्टी
प्रदूषण की वजह से शनिवार को दिल्ली में करीब 1800 से ज्यादा स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया. प्रदूषण के कारण तीनों नगर निगमों ने शनिवार को स्कूलों में छुट्टी कर दी. तीनों एमसीडी में कुल 1728 स्कूल हैं. इनमें 10 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. इसके अलावा शहर के कई प्राइवेट स्कूल भी बंद रहे. यही नहीं, अगर प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं आने पर आने वाले दिनों में भी स्कूल बंद रह सकते हैं.
प्रदूषण पर नजर रखने वाली एजेंसियों की मानें तो पहले कभी भी दिल्ली की आबोहवा इतनी ज़हरीली नहीं हुई थी. पहले कभी भी दिल्ली में इस कदर दम नहीं घुट रहा था. दिल्ली के आसमान पर छाई जहरभरी धुंध सिर्फ दिल्लीवालों के लिए ही नहीं, यहां आने वाले मेहमानों को भी डरा रहा है.
जानें, दिल्ली की हवा कैसे हुई जहरीली?
1. गाड़ियों के धुएं वायु प्रदूषण के लिए बड़ी वजह
2. दिलावी की रात अंधाधुंध पटाखे छोड़े जाने से
3. चिमनियां और फैक्ट्रियों के धुएं बड़ी वजह
4. भलस्वा और गाजीपुर में जलाए जा रहे कूड़े से
5. धूल के कण का प्रदूषण बढ़ाने में भूमिका
6. पंजाब और हरियाणा में जलाए जा रहे भूसे से
7. पंजाब में हर साल 1 करोड़ 80 लाख टन जलाए जाते हैं भूसे
जानकार बताते हैं कि दिवाली पर पटाखों के प्रदूषण के साथ ही कचरे के सुलगते ढेर हवाओं को और जहरीला बना रहे हैं. पर्यावरण की फिक्र में एनजीटी ने सरकार को फटकार लगाई तो फौरन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन भलस्वा पहुंच गए. सब लोग एनजीटी की फटकार के बाद मुआयने में जुट गए हैं. लेकिन इलाज किसी के पास नहीं है. जहरीले स्मॉग का असर दिल्ली के सीएम के दर तक है. लेकिन सीएम साहब जितना फिक्रमंद अपने ऊर्जा सचिव को हटाए जाने को लेकर हैं उतना स्मॉग पर नहीं दिखे.
गौरतलब है कि सुबह उठते ही आप दिल्ली की हवाओं में जो कोहरे और धूंध की मोटी परत देखते हैं, ये कुदरत की देन नहीं है. ये इंसानी गलतियों का अंजाम है, जिसके जहर से बच्चे खांस रहे हैं, बड़े कांप रहे हैं लेकिन राज करने वाले इस सच को सच्चे दिल से भाप नहीं रहे हैं.