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CIC ने मांगा डिग्रियों का रिकॉर्ड, डीयू ने कहा- स्मृति ने मना किया है!

आयोग के समक्ष रिकॉर्ड प्रस्तुत करने में विफल रहने के लिए डीयू के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को एक ताजा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

स्मृति ईरानी स्मृति ईरानी
लव रघुवंशी/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर जारी विवाद के बीच स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने केंद्रीय सूचना आयोग को बताया कि ईरानी ने एक आरटीआई आवेदन पर दिल्ली विश्वविद्यालय को उनकी शैक्षणिक योग्यता का खुलासा नहीं करने को कहा है. आयोग ने स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग को ईरानी के शैक्षणिक विवरण से जुड़े सभी रिकॉर्ड उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है.

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आयोग के समक्ष रिकॉर्ड प्रस्तुत करने में विफल रहने के लिए डीयू के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को एक ताजा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. एक याचिकाकर्ता द्वारा यह आरोप लगाने कि ईरानी ने 2004, 2011 और 2014 में चुनाव लड़ने से पहले दाखिल अपने हलफनामों में विरोधाभासी सूचना दी थी, ईरानी की डिग्रियों को लेकर विवाद खड़ा हुआ.

अप्रैल, 2004 लोकसभा चुनावों के लिए अपने हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने अपना बीए 1996 में डीयू (स्कूल ऑफ कॉरेसपोंडेंस) से किया, जबकि 11 जुलाई, 2011 के एक अन्य हलफनामे में जो उन्होंने गुजरात से राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए दाखिल किया था, उन्होंने कहा कि उनकी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता बी.कॉम पार्ट-1 है. यद्यपि इस मामले को अदालत द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि शिकायत दाखिल करने में पहले ही काफी समय गुजर चुका है. केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष यह मुद्दा कायम है.

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