
अप्रैल के महीने में हिमालय में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला लगातार जारी है. मौसम विभाग के मुताबिक बार-बार आ रहे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस इस बार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के तमाम इलाकों में अपना असर दिखा रहे हैं.
उत्तर-भारत में दाखिल वेस्टर्न डिस्टर्बेंस
अप्रैल के पहले हफ्ते में ही तीन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर-भारत में दाखिल हो चुके हैं. चौथा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जम्मू-कश्मीर में अगले 24 घंटों में दाखिल होने की तैयारी में है. इन स्थितियों में कश्मीर और हिमाचल के तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की और ज्यादा संभावना जताई जा रही है.
हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी
दरअसल फरवरी और मॉर्च में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की गतिविधि सबसे ज्यादा रहती है. इन दोनों महीनों में आमतौर पर 4 से 6 डब्ल्यूडी देखे जाते हैं. इसी वजह से आमतौर पर फरवरी और मार्च में जाड़ों के सीजन में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जाती है. लेकिन इस बार फरवरी के महीने में वेदर सिस्टम कम रहे और मार्च भी इस मामले में सामान्य रहा है. लेकिन अप्रैल की शुरुआत होते ही एक बाद एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस हिमालय में दाखिल हो रहे हैं. इस वजह से हिमालय के तमाम क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है. मौसम विभाग के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के एक बड़े इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी के साथ ही बारिश रिकॉर्ड की जा रही है.
अगले 15 दिनों तक होगी बारिश
पहाड़ों पर बढ़ी हुई मौसमी गतिविधियों का असर मैदानी इलाकों में देखा जा रहा है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बादलों की आवाजाही के बीच अप्रैल के चढ़े हुए तापमान नीचे उतर आए हैं. ज्यादातर इलाकों में उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही ठंडी हवाएं अपना असर दिखा रही हैं. इससे गंगा-यमुना के मैदानी इलाकों में तापमान 35-36 डिग्री सेल्सियस के आसपास जा पहुंचे हैं. मौसम के जानकारों का कहना है कि ये स्थिति अगले 15 दिनों तक बनी रहेगी. इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि हिमालय की ठंडी हवाओं ने फिलहाल गर्मी को ऊपर चढ़ने से रोका हुआ है.