
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक, वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को खुद फेक न्यूज के प्रसार को रोकना चाहिए और सरकार ऐसे प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को स्वीकार नहीं करेगी.
प्रसाद ने लोकसभा में के. अशोक कुमार के प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने ब्रिटिश कंसल्टेंसी संस्था कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा भारतीय फेसबुक यूजर्स के डेटा के कथित दुरुपयोग के मामले को सीबीआई को भेज दिया है.
उन्होंने कहा, ‘कोई विदेशी संस्था, फेसबुक या कैंब्रिज एनालिटिका भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए भारतीयों के डेटा का दुरुपयोग नहीं कर सकती. भारत में चुनाव बहुत पारदर्शी और सुरक्षित हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से कहा है कि वे फेक न्यूज या अनुचित खबरों का प्रसारण नहीं कर सकती. यह स्वीकार्य नहीं होगा.
प्रसाद ने कहा, ‘इन खबरों की उत्पत्ति का भी तकनीक से जवाब देना होगा. मैंने कंपनियों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि किसी राज्य के किसी क्षेत्र में किसी दिन विशेष रुप से प्रसारित हो रहे लाखों संदेशों का पता लगाने में किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है.’ मंत्री ने निजी कंपनियों द्वारा लोगों के डेटा के दुरुपयोग की खबरों की पृष्ठभूमि में अपनी बात कही.
प्रसाद ने कहा कि फेसबुक ने भारत सरकार से खेद प्रकट किया है और कहा है कि अन्य एजेंसियों ने डेटा चोरी किया, वहीं कैंब्रिज एनालिटिका ने केवल एक जवाब दिया और बाद में कोई जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि जवाब पूरी तरह संतुष्ट करने वाला नहीं था, मैंने मामला सीबीआई को भेज दिया है.’ प्रसाद ने कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से भारत में एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा है जिनके समक्ष शिकायतें की जा सकें. उन्होंने यह भी कहा कि इन कंपनियों को भारतीय कानून का पालन करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘हम निजता का सम्मान करते हैं. लेकिन आतंकवादियों और भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए निजता का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.’
(इनपुट-भाषा)