
किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू हुआ है इसकी पहचान करना बेहद जरूरी है क्योंकि इसके अभाव में उसे गंभीर अवस्था का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही उसके संपर्क में आकर अन्य व्यक्तियों में भी यह संक्रमण फैल सकता है.
आईये हम जानते हैं कि स्वाइन फ्लू के आम लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए क्या-क्या उपाय करें:
गले का दुखनाः ‘एसिटेमिनोफेन’ या ‘इबुप्रोफेन’ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है. लेकिन बगैर चिकित्सकीय परामर्श लिए इसे लेने की हम सलाह नहीं देते. कुछ लोगों में नमक के पानी से गरारा करने से उनके गले के दर्द को आराम मिल सकता है.
ठंड और दर्द का इलाजः ‘एसिटेमिनोफेन’ या ‘इबुप्रोफेन‘ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है. ठंड से बचाव के लिए पीड़ित व्यक्ति को कंबल या गर्म कपड़े से लपेट देना चाहिए.
कन्जेशन का उपचारः फ्लू से पीड़ित रोगी को नाक, कान, साइनस और छाती का कन्जेशन हो सकता है. इसके कारण दर्द हो सकता है. ‘एसिटेमिनोफेन‘ या ‘इबुप्रोफेन’ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है. फिर भी आपके या आपके बच्चे के लिए कुछ भी उपचार लेने से पहले अपने चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी जाती है. 4 साल से कम उम्र के बच्चे को कोई कफ या ठंड के लिए दवा नहीं देनी चाहिए.
पेट की समस्याओं का उपचारः स्वाइन वायरस फ्लू पेटदर्द, उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को हल्का भोजन दें जिससे पाचन क्रिया आसान हो. इसके रोगी को अधिक से अधिक पानी या तरल देना चाहिए जिससे भोजन पचने में आसानी हो. यदि रोगी को पेट में असहनीय दर्द, बार बार उल्टी या दस्त की शिकायत हो, तो अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें.
स्वाइन फ्लू का रोगी सही इलाज से ठीक हो जाता है. इलाज के दौरान उसे पर्याप्त आराम की जरूरत होती है और डॉक्टर द्वारा सुझाए दवाईयों को नियमित रूप से लेना होता है.
स्वाइन फ्लू होने की स्थिति में आपका डॉक्टर बुखार व कफ के लिए ‘टेमीफ्लु’ या ‘रेलेंजा’ जैसी एंटीवायरस दवाईयां देने की सलाह दे सकता है. इन दवाईयों को रोग शुरू होने के 2 दिनों के भीतर लेना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि जितनी जल्दी ये दवाईयां शुरू की जायेंगी उतना ही ये असरदार साबित होंगी. आमतौर पर ये दवाईयां 5 दिनों के लिए दी जाती हैं.
वैसे ये दवाईयां रोग को पूरी तरह खत्म नहीं करतीं लेकिन ये बीमारी की अवधि को कम करने और लक्षणों को कम करने के अलावा न्यूमोनिया जैसी बीमारी के खतरे को भी कम करती हैं.
लक्षणों की सही जानकारी के लिए आपका डॉक्टर फ्लू की जांच करवाने के लिए भी कह सकता है अतः स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर डॉक्टर की परामर्श अवश्य लें और बगैर चिकित्सकीय देखरेख के कोई दवा स्वयं ना लें.