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अगर आप प्रोविडेंट फंड में योगदान करते हैं तो अपना खाता तुरंत चेक करें. देश के लगभग ढाई करोड़ कर्मचारियों के खाते से पैसा गायब हो चुका है और कहीं उसमें आपको भी चूना न लग गया हो.
अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक लगभग ढाई करोड़ या 30 फीसदी प्रोविडेंट फंड खातों से ठगों ने धोखाधड़ी से पैसे निकाले हैं. इसके लिए उन्होंने फर्जी पहचान पत्र बनवाए और बैंकों में खाते भी खोले. पिछले दिनों जब प्रोविडेंट फंड विभाग को इसकी सूचना मिली तो उसने कार्रवाई शुरू की.
विभाग ने इसके लिए अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करनी शुरू की है. इसके अलावा उसने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी तरह का फर्जी दावा पास न होने पाए.
देश भर में कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड के 8.15 करोड़ खाते हैं, अगर आप भी इनमें हैं तो आप जल्दी से अपना खाता जरूर चेक कर लें.
इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को होगा जिन्होंने पिछली नौकरी छोड़ दी थी और प्रॉविडेंट फंड से पैसे नहीं निकाल पाए थे. इसके अलावा उन कर्मचारियों को भी धक्का पहुंच सकता है जिनकी कंपनी ही बंद हो गई है.
ईपीएफओ के चीफ विजिलेंस ऑफिसर संजय कुमार ने एक आंतरिक जांच का आदेश दिया है. इसके तहत खातों से अवैध तरीके से पैसे निकालने का पता लगाया जाएगा. वे खाते जो सालों से ऑपरेट नहीं हो रहे थे उनसे फर्जी दस्तावेज के जरिये काफी पैसे निकाले गए हैं.
पीएफ कर्मचारियों को मिलाकर बड़े पैमाने पर निकासी हुई है. ऐसा प्रतीत होता है कि प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन के कर्मचारी इस हेराफेरी में साथ दे रहे थे, क्योंकि खातों के बारे में उन्हें बेहतर जानकारी होती है.
खातों से पैसे निकालने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर भी किया गया है. इससे एक सवाल उठता है कि क्या बैंकों ने 'नो योर कस्टमर' की शर्त का पालन नहीं किया है. अप्रैल 2011 से पीएफओ ने तीन साल से बंद खातों पर ब्याज देना बंद कर दिया है.