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सोमनाथ चटर्जीः हिंदू महासभा संस्थापक का बेटा जो बना वामपंथ का पुरोधा

सोमनाथ चटर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनके पिता हिंदू महासभा के अध्यक्ष  रहे थे. बावजूद इसके चटर्जी ने वामपंथी राह को चुना और 35 साल तक राजनीति की मुख्यधारा में रहे. इस दौरान वे 10 बार सांसद बने.

सोमनाथ चटर्जी, हरकिशन सुरजीत, एबी वर्धन (फाइल फोटो) सोमनाथ चटर्जी, हरकिशन सुरजीत, एबी वर्धन (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का 89 साल की उम्र में आज निधन हो गया. वामपंथ के इस पुरोधा के पिता निर्मल चंद्र चटर्जी अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक-अध्यक्ष थे, लेकिन उन्होंने पिता की राह पर चलने के बजाए वामपंथ को चुना. वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य थे और 10 बार सांसद रहे.  

सोमनाथ चटर्जी ने 35 साल तक एक सांसद के रूप में देश की सेवा की. उन्हें साल 1996 में उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार से भी नवाजा गया था.

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सोमनाथ चटर्जी का जन्म 25 जुलाई 1929 को बंगाली ब्राह्मण निर्मल चंद्र चटर्जी और वीणापाणि देवी के घर में असम के तेजपुर में हुआ था. उनके पिता एक प्रतिष्ठित वकील, और राष्ट्रवादी हिंदू जागृति के समर्थक थे. इतना ही नहीं उनके पिता अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापकों में से एक थे. इसके बाद उनके पिता हिंदू महासभा के अध्यक्ष भी रहे.

सोमनाथ चटर्जी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख नेताओं में से थे. वे वामपंथ के एकलौते नेता रहे जो लोकसभा अध्यक्ष के पद तक पहुंचे. हालांकि 2008 में यूपीए सरकार के परमाणु करार पर मतभेद के चलते लेफ्ट ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद पार्टी के तत्कालीन महासचिव प्रकाश करात चाहते थे कि सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दें. लेकिन चटर्जी इस पर राजी नहीं हुए. इसके बाद उन्हें पार्टी से उन्हें बाहर कर दिया गया.

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चटर्जी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत सीपीएम के साथ 1968 में की और वह 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे. 1971 में वह पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह 10 बार लोकसभा सदस्य चुने गए.

हालांकि 1984 में जादवपुर में कांग्रेस की ममता बनर्जी से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. इसे अगर छोड़ दें तो वह बोलपुर लोकसभा क्षेत्र से लगातार जीतते रहे हैं. सोमनाथ चटर्जी की धर्मपत्नी श्रीमती रेणु चटर्जी थीं जिनसे उन्हें एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं. उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था.

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