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आज नब्बे के दशक के सबसे मशहूर सिंगर केदारनाथ भट्टाचार्य का जन्मदिन है. फिल्मी दुनिया में वह कुमार सानू के नाम से मशहूर हैं. उनके नाम दो अनोखे रिकॉर्ड हैं. पहला, लगातार पांच साल फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने का. दूसरा, एक ही दिन कुल 28 गाने रिकॉर्ड करवाने का. जानिए कुमार सानू के बारे में खास बातें और सुनिए उनके टॉप 5 नगमे...
1. कुमार सानू के पिता पशुपति भट्टाचार्य भी गायक और संगीतकार थे. उन्होंने कुमार सानू को पहले तबला और फिर गायन की ट्रेनिंग दिलवाई. बाद में तबले से ज्यादा सुर सधने लगा.
2. कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बीकॉम करने के दौरान ही कुमार सानू ने रेस्तरां वगैरह में गाना शुरू कर दिया था. वह ज्यादातर बार किशोर कुमार की तरह गाने की कोशिश करते थे.
3. पहला फिल्मी ब्रेक बांग्लादेशी फिल्म ‘तीन कन्या’ के लिए मिला. ये फिल्म 1986 में रिलीज हुई थी.
जिंदगी की तलाश में, फिल्म ‘साथी’
4. हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक गजल सम्राट जगजीत सिंह ने दिया. फिल्म थी ‘आंधियां’. फिर कुमार के हाथ आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘जादूगर’. संगीतकार थे कल्याण जी आनंद जी.
5. करियर के शुरुआती दौर में ही उन्हें नौशाद, रविंद्र जैन, ह्रदय नाथ मंगेशकर. आरके राजदान, उषा खन्ना के साथ काम करने का मौका मिला.
6. हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री को हमेशा के लिए बदलने वाली फिल्म ‘आशिकी’ 1990 में रिलीज हुई. इसके म्यूजिक डायरेक्टर थे नदीम-श्रवण. इस फिल्म में एक गाना छोड़कर सभी गाने कुमार सानू ने गाए थे.
अब तेरे बिन जी लेंगे हम, फिल्म ‘आशिकी’
7. आशिकी के लिए कुमार सानू को सिंगिंग का पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. ये सिलसिले की शुरुआत भर थी. इसके बाद उन्हें अगले चार साल तक, यानी लगातार पांच बार ये अवॉर्ड मिला.
8. 1990 में ‘आशिकी’ के बाद, 1991 में ‘साजन’, 1992 में ‘दीवाना’, 1993 में ‘बाजीगर’ और 1994 में फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’ के लिए कुमार सानू को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.
9. कुमार सानू के नाम एक दिन में 28 गाने रेकॉर्ड करवाने का रेकॉर्ड भी है.
कुछ न कहो, फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’
10. कुमार सानू ने ‘इंडिया शाइनिंग’ की चमक के दौर में साल 2004 में बीजेपी ज्वाइन कर ली. मगर बाद में यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि वह सिर्फ सिंगिंग पर ही फोकस करना चाहते हैं.
11. बतौर प्रॉड्यूसर 2006 में उन्होंने पहली फिल्म बनाई ‘उठान’. यह बॉक्सऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाई. फिलहाल वह फिल्म ‘ये संडे क्यों आता है’, पर काम कर रहे हैं.
12. फिल्म ‘ये संडे क्यों आता है’, मुंबई के कुछ बच्चों पर आधारित है. ये बच्चे लोकल ट्रेन में बूट पॉलिश का काम करते हैं. जब संडे को पूरी दुनिया खुश होती है, ये बच्चे कम आमदमी के चलते दुखी होते हैं.
नाराज सवेरा है, फिल्म ‘संघर्ष’
13. हिंदी फिल्मों में उनका आखिरी चर्चित गाना प्रभु देवा की सोनाक्षी, अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘राउडी राठौर’ के लिए था. श्रेया घोषाल के साथ गाए इस गाने के बोल थे, ‘छम्मक छल्लो छैल छबीली’.
14. 2009 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पदम श्री’ से सम्मानित किया.
जब कोई बात बिगड़ जाए, फिल्म ‘जुर्म’
15. आजकल कुमार सानू बंगाली टीवी सीरियल्स में अदाकारी कर रहे हैं. कभी-कभार गाना भी गा लेते हैं. इसके अलावा वह सिंगिंग के रिएलिटी शो में बतौर जज भी हिस्सेदारी करते हैं.
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