
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018' में नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सोनिया ने दो टूक कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान जितने भी वादे किए गए थे, उन सभी को पूरा करने में मोदी सरकार नाकाम रही.
यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता को लेकर कहा, 'कई विपक्षी दलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर साथ जुटना मुश्किल काम है क्योंकि राज्यों में ये एक दूसरे के विरोधी हैं. लेकिन हम बड़ी तस्वीर को देखें, अगर हम देश के लिए फिक्र करते हैं तो हमें साथ आना होगा.'
बता दें कि सोनिया गांधी 13 मार्च को विपक्षी एकजुटता के लिए डिनर डिप्लोमेसी का दांव खेलने जा रही हैं. इस डिनर के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बीजेपी से नाराज चल रहे उसके कुछ सहयोगियों को भी न्योता दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018’ में बोलते हुए सोनिया गांधी 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या कांग्रेस नीत गठबंधन की सत्ता में वापसी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिखीं. सोनिया ने कहा, ‘हम वापसी करने जा रहे हैं. हम उन्हें सत्ता में दोबारा नहीं आने देंगे.’
कांग्रेस नेता ने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन को लेकर अपनी पार्टी के अंदर भी कुछ विरोध होने का संकेत दिया. सोनिया ने कहा, ‘ये हमारी पार्टी समेत सभी पार्टियों के लिए मुश्किल काम है कि राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दों को लेकर साथ आएं. जमीनी स्तर पर हम विरोधी हैं. यहां तक कि हमारी पार्टी में भी विरोध है. ये मुश्किल काम है.’
क्या सोनिया की बात राहुल सुनते हैं?
ये पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बन जाने के बाद आप उन्हें सलाह देती हैं, सोनिया गांधी ने कहा, ‘वो अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जानते हैं. और मैं वहां हूं किसी भी सलाह के लिए.’
लेकिन राहुल गांधी क्या उनकी सुनते हैं, इस सवाल के जवाब में सोनिया गांधी ने कहा,’ पेरेन्ट के नाते हम उन्हें (बच्चों को) कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं. लेकिन ये मुश्किल होता है. जब मुझसे कोई सलाह मांगी जाती है तो मैं देती हूं.’
राहुल गांधी के कामकाज के तौर-तरीकों की बाबत पूछे जाने पर सोनिया ने कहा, ‘हर व्यक्ति का काम करने का अपना खास ढंग होता है. साथ ही कांग्रेस की एक निश्चित नीति है, जिसका हम पालन करते हैं.’सोनिया ने कहा, ‘राहुल जिस बात के लिए हमेशा इच्छुक रहे हैं वो है पार्टी को शक्तिशाली बनाना, साथ ही युवा और नए लोगों को साथ जोड़ना. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि पुराने लोगों को हाशिए पर डाल दिया जाए. संतुलन का भी पूरा ध्यान है.’
सोनिया गांधी ने और क्या क्या कहा?सोनिया गांधी ने अपने मुख्य संबोधन में कहा, ‘समाज हर जगह तेजी से बदल रहा है, यही बात हमारे देश के लिए भी सच है. हमारे संस्थान अब भी विकासशील हैं. दशकों से यहां शासन व्यवस्था निरंतरता में है. लेकिन अब हमें पीछे की ओर जाने वाले समाज के तौर पर पेश किया जा रहा है. हम अपना भविष्य कैसे सुरक्षित रखते हैं, उसके लिए ये घातक नजरिया खतरनाक है.’
सोनिया ने कहा,‘हमारे देश, समाज, आजादियों पर सुनियोजित ढंग से हमले हो रहे हैं. क्या 26 मई 2014 से पहले भारत बड़ा ब्लैक होल था?...2014 के बाद से जो भी हो रहा है वो मायने और अमल, दोनों तौर पर ही खतरनाक है. डर और धमकियों का माहौल बनाया जा रहा है. भारत हम सबका है. पूरी ताकत के साथ हमें इसका बचाव करना चाहिए.’
2019 लोकसभा चुनाव से पहले संभावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने कहा,‘मैं कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन हूं और इस नाते कुछ सहयोगियों से मिलती हूं. हम नियमित तौर पर समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ बैठकें करते हैं. देखते हैं कि इस दिशा में क्या कुछ किया जा सकता है. हम इन सभी नेताओं के साथ डिनर पर मिलने जा रहे हैं.’
एक के बाद एक कई राज्यों में कांग्रेस की मौजूदगी सिकुड़ते जाने पर सोनिया गांधी ने कहा,‘हम दो कार्यकाल तक सरकार में रहे और निश्चित तौर पर कुछ सत्ता विरोधी रुझान रहा, लेकिन 2014 में हम प्रचार में पिछड़ गए. हम उस चुनाव प्रचार का मुकाबला नहीं कर पाए जो मोदी के तहत उनके लिए हुआ.
क्या 2014 में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा था, इस सवाल के जवाब में सोनिया ने कहा, ये मुद्दा था लेकिन इसे बहुत बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया. मिसाल के तौर पर 2G को लीजिए, पूर्व सीएजी ने बहुत बड़ी रकम बताई. अब हर किसी को पता है कि इसे बहुत बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया था. एक ऐसे व्यक्ति को जो इंचार्ज रहा, उसे रिटायरमेंट के बाद कैसे महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है.’
प्रधानमंत्री मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से तुलना करते हुए सोनिया गांधी ने कहा,‘मौजूदा स्थिति ये है कि दूसरों को भी जगह देने वाला नजरिया नहीं है. संसद में बोलना हमारा अधिकार है. संसदीय प्रक्रियाओं का वाजपेयी बहुत सम्मान करते थे.’
सोनिया गांधी ने वाजपेयी सरकार के ‘शाइनिंग इंडिया’ और बीजेपी के ‘अच्छे दिन’ कैम्पेन के बीच तुलना करते हुए कहा, ‘बीजेपी के साथ मुख्य मुद्दा ये है कि वो बड़े, लुभावने वादे करते हैं लेकिन अमल में क्या लाया गया. उन्होंने बड़े पैमाने पर रोजगार का वादा किया, 15 लाख रुपये की बात कही. इसे सब को लेकर निराशा है. मैं आश्वस्त हूं कि बीजेपी के ‘अच्छे दिन’ भी शाइनिंग इंडिया में बदलेगा जो हमें जीत दिलाएगा.’