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अशोक चौधरी पर गिरी गाज, सोनिया गांधी ने बिहार अध्यक्ष पद से हटाया

अशोक चौधरी ने कांग्रेस आलाकमान से इस संबंध में जल्द कोई फैसला लेने की मांग की थी. चौधरी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय कांग्रेस के कुछ नेताओं की वजह से बिहार कांग्रेस में अस्थिरता की स्थिति है.

सोनिया गांधी के साथ अशोक चौधरी (फाइल फोटो) सोनिया गांधी के साथ अशोक चौधरी (फाइल फोटो)
कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से कांग्रेस में चल रही उठापटक की गाज आखिरकार अशोक चौधरी पर गिर ही गई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया है.

अशोक चौधरी को तत्काल प्रभाव के साथ प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है. उन पर पार्टी में फूट डालने के आरोप लग रहे थे, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने मंगलवार को ये फैसला लिया.

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कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बताया, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है'. कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कदम इन खबरों के बीच आया है पार्टी की राज्य इकाई में दो फाड़ हो सकते हैं जिसमें से एक धड़े की अगुवाई चौधरी कर सकते हैं.

हाल ही में अशोक चौधरी ने कांग्रेस आलाकमान से इस संबंध में जल्द कोई फैसला लेने की मांग की थी. चौधरी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय कांग्रेस के कुछ नेताओं की वजह से बिहार कांग्रेस में अस्थिरता की स्थिति है और कुछ नेता उन्हें जबरन पद से हटाने की साजिश रच रहे हैं.

बता दें कि ये भी जानकारी सामने आ रही थी कि कांग्रेस के 27 विधायकों में से 18 विधायक पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं. विधायकों को जेडीयू में ले जाने के आरोप अशोक चौधरी पर ही लग रहे थे. जिसके बाद अशोक चौधरी समेत बिहार कांग्रेस के दूसरे नेताओं को पार्टी हाई कमान ने दिल्ली तलब किया था.

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कौकब चौधरी को मिली जिम्मेदारी

अशोक चौधरी को हटाए जाने के बाद फिलहाल बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कौकब कादरी को दी गई है. कौकब प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हैं. नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने तक कौकब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जिम्मेदारी संभालेंगे. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी नाम का ऐलान अभी तक नहीं किया है.

बता दें कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस ने 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था, मगर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप का आधार बनाकर नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ दिया था और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया था.

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