
दिल्ली के सिविक सेंटर में बुधवार को हुई साउथ एमसीडी की सदन बैठक में जमकर हंगामा हुआ. पूरी बैठक मार्शल और महिला सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में हुई.
दरअसल, सदन की पिछली बैठक में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने घंटे भर से ज्यादा प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया था, जिसके चलते सदन की कार्रवाई को रोकना तक पड़ गया था. हंगामे के दौरान जब पार्षदों के कारण निगम स्टाफ को परेशानी हुई, तो उसके बाद मेयर कमलजीत सहरावत ने आम आदमी पार्टी के 12 पार्षदों और एल्डरमैन को 15 दिन के लिए सदन से बाहर कर दिया था.
बुधवार को सदन की बैठक में निष्कासित पार्षद दाखिल ना हो सकें, इसके लिए मार्शलों की तैनाती की गई थी, जिनमें महिला मार्शल भी थीं. दोपहर 2 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हॉल में घुसने की कोशिश की. इस दौरान जब मार्शलों ने उन्हें रोका तो उनकी पार्षदों से काफी तीखी बहस और धक्कामुक्की हुई. हालांकि पार्षद हॉल में घुसने में कामयाब हो गए और सदन के भीतर दरवाज़े पर हुए व्यवहार के लिए नारेबाजी करने लगे जिससे सदन की कार्रवाई देर से शुरू हुई.
बीजेपी पार्षद भी पीछे नहीं
बीजेपी पार्षदों ने भी आम आदमी पार्टी को घेरने की रणनीति पहले ही बना ली थी. ये चौथी बार था, जब आम आदमी पार्टी पार्षद सदन में बैठक के दौरान प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे में हंगामे के बीच बीजेपी के पार्षदों ने आम आदमी पार्टी के पार्षद पर भ्रष्टाचार की खबर छपी अखबार की क्लिपिंग को हवा में लहराकर नारेबाजी शुरू कर दी, लेकिन मेयर के हस्तक्षेप के बाद विरोध बंद कर दिया गया.
हंगामे के बीच व्यापारियों को राहत
हंगामे के बीच सदन ने दिल्ली के व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए कन्वर्जन शुल्क के लिए आम माफी योजना का प्रस्ताव पास किया. प्रस्ताव पास होने से साल 2007 से साल 2017 तक का कन्वर्जन शुल्क एकमुश्त जमा कराने पर दुकानदारों को ब्याज और जुर्माने से राहत मिल गई है. अब उन्हें सिर्फ कंवर्जन शुल्क जमा कराना होगा. इसके अलावा जिन सड़कों पर व्यापारिक गतिविधियां 50 फीसदी से अधिक हैं, निगम ने उनकी सूची तैयार कर दिल्ली सरकार के पास भेजने का प्रस्ताव पास किया है ताकि वहां कमर्शियल गतिविधियों के लिए नोटिफाइड किया जा सके.
रात भर खुले रहेंगे शौचालय
सदन की बैठक में तय किया गया कि अब से साउथ एमसीडी के तहत आने वाले शौचालयों को रात भर खुला रखा जाएगा. फिलहाल रात 10 से सुबह 7 बजे तक निगम के अधीन आने वाले शौचालय बन्द रहते हैं, जिस कारण लोगों को खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.