
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह के परिवार में जारी कलह को लोग भले ही पार्टी के लिए नुकसान बता रहे हों लेकिन अगर सर्वे की मानें तो इस कलह से अखिलेश यादव पहले से और मजबूत होकर उभरे हैं. सी-वोटर के दो सर्वे के नतीजे बताते हैं कि विवाद के पहले और अब में अखिलेश की इमेज लोगों की निगाह में काफी सुधरी है और यहां तक कि मुलायम सिंह यादव के मुकाबले अखिलेश को पसंद करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. जानें इस सर्वे की मुख्य बातें:
अखिलेश की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी
सर्वे के अनुसार पिछले महीने के मुकाबले इस महीने अखिलेश की लोकप्रियता कई गुणा बढ़ गई है. पहला सर्वे सितंबर माह में हुआ था और दूसरा अक्टूबर में. यह सर्वे यूपी की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 12,221 लोगों के बीच की गई. सर्वे के नतीजों के अनुसार समाजवादी पार्टी के कोर वोट बैंक यादव और मुस्लिमों में मुलायम सिंह की तुलना में अखिलेश की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है.
शिवपाल कहीं नहीं ठहरते
वहीं लोकप्रियता के मामले में अखिलेश के सामने शिवपाल कहीं भी नहीं ठहरते. गौरतलब है कि सत्ता के केंद्र में बने रहने को लेकर अखिलेश और शिवपाल आजकल भिड़े हुए हैं और यहां तक कि कई बार पार्टी के टूटने से जुड़ी अटकलें तक सामने आती रहीं.
अखिलेश की इमेज अलग बनी
सर्वे के अनुसार, कानून-व्यवस्था के मद्देनजर हमेशा सवालों में घिरी रहने वाले समाजवादी पार्टी में अखिलेश की इमेज अलग से उभरी है. 68 फीसदी लोगों ने माना कि अखिलेश अपनी पार्टी की इमेज बदलने की कोशिश कर रहे हैं. परिवार के बवाल में दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप सामने आए लेकिन इस सर्वे से साफ होता है कि इमेज के मामले में अखिलेश ने बढ़त बनाई और उन्हें इससे फायदा ही हुआ है.
विवादों से ऐसे निकले अखिलेश
पार्टी और परिवार में जारी बवाल 24 अक्टूबर को तो इतना बढ़ गया था कि लग रहा था कि अखिलेश यादव खुद समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बना लेंगे. जब मुलायम सिंह ने साफ कह दिया कि अमर सिंह और शिवपाल को वे अलग होना सोच भी नहीं सकते. नेताजी ने अखिलेश को फटकार लगाई और यहां तक कह दिया कि चुनाव नतीजे आने के बाद सीएम का चुनाव होगा. इसके बाद अखिलेश ने साफ कहा कि वे पार्टी तोड़ना नहीं चाहते और नेताजी की भी हमेशा सेवा करते रहेंगे. नेताजी उनके पिता ही नहीं राजनीतिक गुरु भी हैं. आज तक के साथ खास बातचीत में अखिलेश ने ये भी कहा कि अगला बजट वे ही पेश करेंगे.