
चुनाव में साफ-सुथरी छवि लेकर जाने के अखिलेश यादव की कोशिशों को सोमवार को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब समाजवादी पार्टी ने अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को महाराजगंज जिले के नौतनवा से टिकट देने की घोषणा कर दी. गौरतलब है कि आपराधिक छवि की वजह से ही मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल से गठजोड़ ना करने को लेकर अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव में ठन गई थी.
अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ सीबीआई अपनी पत्नी सारा सिंह के हत्या की जांच कर रही है. उनके खिलाफ जांच की सिफारिश खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की थी. इससे पहले भी अमन मणि त्रिपाठी अपहरण के एक मामले में जेल की हवा खा चुके हैं. गौरतलब है कि अमन मणि त्रिपाठी के पिता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी दोनों मधुमिता हत्याकांड के मामले में जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
अमनमणि को टिकट दिए जाने की खबर आते ही उनकी पूर्व पत्नी सारा सिंह के घर में मातम छा गया. सारा की मां सीमा सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है. अमनमणि को सजा दिलाने के लिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक के यहां काफी चक्कर लगाए थे. सीमा ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ हत्या के मामले में सीबीआई की जांच चल रही हो, मुलायम सिंह यादव ऐसे व्यक्ति को विधायक बनाकर विधानसभा में बिठाना चाहते हैं. सीमा सिंह ने कहा कि अब उन्हें यकीन हो गया है की समाजवादी पार्टी की सरकार सचमुच गुंडों की सरकार है.
अमनमणि त्रिपाठी से सारा की शादी 2013 में हुई थी. हलांकि दोनों ने लव मैरिज की थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उनके बीच झगड़ा रहने लगा और बात तलाक तक आ पहुंची थी. जुलाई 2015 में सारा की कथित तौर पर एक दुर्घटना में मौत हो गई. लेकिन सारा के परिवार में इसे हत्या करार दिया और इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए एडी चोटी का जोर लगा दिया. बाद में पत्नी की हत्या के मामले में अमनमणि की गिरफ्तारी हुई. इस मामले की सीबीआई जांच अभी भी चल रही है. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने अमनमणि त्रिपाठी को नौतनवा से टिकट दिया था, लेकिन वह कांग्रेस के प्रत्याशी कौशल किशोर से चुनाव हार गए थे. सारा की मां ने कहा कि वह नौतनवा के लोगों से हाथ जोड़कर विनती करेंगे कि उनकी बेटी के हत्यारे को किसी भी हालत में चुनकर विधानसभा न पहुंचने दें. अमनमणि को टिकट दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि क्यों है इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है और इस बारे में उन्होंने अपने सारे अधिकार छोड़ दिए हैं.