
पठानकोट में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर शक के घेरे में आए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह ने कहा है कि वह खुद पीड़ित है, संदिग्ध नहीं. उनको गंभीर चोटें लगी हैं. वह किसी तरह मौत के मुंह से वापस आए हैं. आतंकियों ने उन्हें साधारण सिख समझकर छोड़ दिया था.
एसपी के दोस्त राजेश वर्मा ने बताया कि एसपी की कार छीनकर आतंकी करीब 20 किलोमीटर तक गए. वहां से दूसरी इनोवा गाड़ी ली, जिसे हिमाचल प्रदेश के एक गांव में छोड़ दिया. सलविंदर अकालगढ़ में मिले. वहां तीन किलोमीटर दूर टैक्सी ड्राइवर इकागर सिंह की लाश मिली.
उन्होंने बताया कि आतंकियों की संख्या चार थी. वे आर्मी ड्रेस पहने हुए थे. उनके पास भारी मात्रा में हथियार थे. वे आपस में उर्दू में बात कर रहे थे. अगवा किए जाने के दौरान विरोध करने पर आतंकियों ने उनको बंदूक की बट और बूट से मारा था. उनकी पीठ और गर्दन पर चाकू मारा है.
बताते चलें कि पठानकोट-जम्मू हाईवे से 31 दिसंबर को आतंकियों ने गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह, उनके दोस्त राजेश वर्मा और कुक को गाड़ी सहित अगवा कर लिया था. आतंकियों ने उनके फोन छीन कर पिटाई की थी. उन्हें नहीं पता था कि वे पुलिस अफसर को अगवा किए हैं.