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अमेरिकाः SpaceX-NASA के क्रू ड्रैगन को मिली बड़ी कामयाबी, अंतरिक्ष केंद्र पहुंचा

अमेरिका के स्पेस एक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान नासा के अंतरिक्ष यात्रियों रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले को लेकर रविवार को सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंच गया.

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंच स्पेस एक्स का क्रू ड्रैगन (फोटो-PTI) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंच स्पेस एक्स का क्रू ड्रैगन (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 01 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST

  • रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंच
  • स्पेसएक्स ने ट्वीट कर साझा की जानकारी

अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका को बड़ी कामयाबी मिली है. स्पेस एक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान नासा के अंतरिक्ष यात्रियों रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले को लेकर रविवार को सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंच गया.

इसे अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है. स्पेसएक्स ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. स्पेसएक्स ने बताया कि डॉकिंग कन्फर्म्ड- क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष केंद्र पहुंच गया है.

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असल में, शनिवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) निजी कंपनी स्पेस एक्स (SpaceX) के ड्रैगन (Dragon) स्पेसक्राफ्ट ने 2 अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station - ISS) के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी.

स्पेसएक्स का चालक दल के साथ यह पहला मिशन है. यह अमेरिकी सरकार द्वारा 2011 में अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम को सेवानिवृत्त किए जाने के बाद चालक दल के साथ अमेरिका का भी पहला लॉन्च है.

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नासा के स्पेसएक्स डेमो-2 के रूप में जाना जाने वाला यह मिशन एक एंड टू एंड फ्लाइट है, जिसका उद्देश्य स्पेसएक्स की चालक दल को ढोने वाली प्रणाली को सत्यापित करना है, जिसमें लॉन्च, इन-ऑर्बिट, डॉकिंग और लैंडिंग ऑपरेशन शामिल हैं.

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बेनकेन और हर्ले स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल के साथ इस बात को सत्यापित करने के लिए काम करेंगे कि अंतरिक्षयान उम्मीद के मुताबिक पर्यावरणीय नियंत्रण प्रणाली, डिस्प्ले और नियंत्रण प्रणाली का परीक्षण करने, और चहलकदमी करने तथा अन्य चीजें सही तरीके से करने में सक्षम है.

नासा को फायदा

9 साल बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपनी कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम फिर से शुरू कर चुकी है. इस मिशन की सफलता के बाद अमेरिका को अपने एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस और यूरोपीय देशों के सहारा नहीं लेना पड़ेगा. यानी करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर रूस और यूरोपीय देशों के रॉकेट से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन नहीं भेजना पड़ेगा.

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसक्राफ्ट उड़ाने में महारत

इस मिशन में रॉबर्ट बेनकेन स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से जुड़ाव, अनडॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से अलग होना और उसके रास्ते का निर्धारण करेंगे. बेनकेन इससे पहले दो बार स्पेस स्टेशन जा चुके हैं. एक 2008 में और दूसरा 2010 में. उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक किया है.

वहीं, डगलस हर्ले को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर बनाया गया था. इन्हें लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी की जिम्मेदार दी गई थी. डगलस 2009 और 2011 में स्पेस स्टेशन जा चुके हैं. वह पेशे से सिविल इंजीनियर थे. बाद में 2000 में नासा से जुड़े थे. इसके पहले यूएस मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट थे.

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(एजेंसियों के इनपुट के साथ)

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