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एयरसेल मैक्सिस केस: मारन बंधु को समन जारी, 11 जुलाई को पेशी का आदेश

मारन बंधुओं पर प्रवर्तन निदेशालय के लगाए आरोप के बाद स्पेशल 2जी कोर्ट ने मारन बंधुओं और अन्य आरोपियों को 11 जुलाई, 2016 को पेशी के लिए बुलाया है. मारन बंधुओं पर 742 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगा है.

पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

एयरसेल मेक्सिस केस में स्पेशल 2जी कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और उनकी पत्नी को समन जारी किया है. स्पेशल कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए सभी को 11 जुलाई को पेश होने के निर्देश दिए हैं.

मारन बंधुओं ने लिए 742 करोड़ की रिश्वत
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और चार अन्य के खिलाफ शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि मारन बंधुओं ने 742 करोड़ की रिश्वत ली थी. मारन बंधु और अन्य आरोपियों को 11 जुलाई 2016 को पेशी के लिए बुलाया गया है.

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मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत जांच
ईडी ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी कलानिधि, मेसर्स साउथ एशिया एफएम लिमिटेड (एसएएफएल) के प्रबंध निदेशक के षणमुगम, दो कंपनियों मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड (एसडीटीपीएल) और एसएएफएल को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत आरोपी बताया है.

जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि एयरसेल-मैक्सिस सौदे में एफआईपीबी की मंजूरी से संबंधित जांच और संबद्ध मामले पीएमएलए (मनी लांड्रिंग निरोधक कानून) के तहत आगे जांच का विषय है. यह मंजूरी उस समय दी गई थी, जब पी चिदंबरम 2006 में वित्त मंत्री थे.

आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद जारी प्रेस नोट में ईडी ने कहा कि इस मामले में मौजूदा जांच की पहलुओं में एयरसेल टेलीवेंचर्स लिमिटेड औक मैक्सिस से देश और देश के बाहर धन की प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से संदिग्ध भारतीय कंपनियों को प्राप्ति और स्थानांतरण शामिल हैं.

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देश के बाहर जांच के लिए अनुरोध पत्र
इस संदर्भ में अदालत ने देश के बाहर जांच के लिए पीएमएलए की धारा 57 के तहत एक दिसंबर 2015 को सिंगापुर तथा ब्रिटेन को अनुरोध पत्र भी जारी किए. जांच एजेंसी ने यह आरोप लगाया है कि मॉरीशस स्थित कंपनियों ने दयानिधि के लिए दो कंपनियों एसडीटीपीएल तथा एसएएफएल को 742.58 करोड़ रुपए की अवैध राशि उपलब्ध कराई.

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