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2जी केस: अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव को बरी किया

विशेष 2जी अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष को 2002 के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले से बरी कर दिया है.  इस मामले में फैसला देते हुए विशेष अदालत ने कहा कि सीबीआई ने मामले में ‘झूठा और गढ़ा हुआ’ आरोपपत्र दाखिल किया.

विशेष 2जी अदालत ने पूर्व टेलीकॉम सचिव को किया बरी विशेष 2जी अदालत ने पूर्व टेलीकॉम सचिव को किया बरी
स्वाति गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

विशेष 2जी अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष को 2002 के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले से बरी कर दिया है. इस मामले में फैसला देते हुए विशेष अदालत ने कहा कि सीबीआई ने मामले में ‘झूठा और गढ़ा हुआ’ आरोपपत्र दाखिल किया. साथ ही सीबीआई निदेशक से ‘दोषी अधिकारियों’के खिलाफ जांच शुरू करने को भी कहा गया है.

विशेष अदालत ने इस मामले में तीन आरोपी दूरसंचार कंपनियों हचिसन मैक्स लिमिटेड, स्टर्लिंग सेलुलर लिमिटेड और भारती सेलुलर लिमिटेड को भी बरी कर दिया है. आपको बता दें कि मामला ये है कि दूरसंचार विभाग ने 2002 में हचिसन मैक्स लिमिटेड, स्टर्लिंग सेलुलर लिमिटेड और भारती सेलुलर लिमिटेड इन तीन दूरसंचार कंपनियों को अतिरिक्‍त स्‍पेक्‍ट्रम आवंटित किए थे.

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उस दौरान श्यामल घोष टेलीकॉम सचिव थे. सस्ते दाम में टेलीकॉम कंपनियों को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन करने से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया.

 

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