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खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि अमेरिका के ओरलैंडो में हुए आतंकी हमले की तर्ज पर देश में भी आतंकी हमला हो सकता है. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की गतिविधियों को इंटरनेट के जरिए देखने और उससे प्रभावित होने वाले जिहादी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं.
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों के लिए जारी की गई चेतावनी में कहा है कि देश के किसी भी हिस्से में कोई अकेला हमलवार बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है. देश में अब तक हुए हमलों में आतंकी ग्रुप में ही आकर वारदात को अंजाम देते रहे हैं, लेकिन अब यह एक नई मुश्किल हो सकती है.
इकलौते हमलावर को पहचानना होगा मुश्किल
आईएसआईएस की बढ़ती ऑनलाइन गतिविधियों और डिजिटल जिहाद ने दुनिया भर के लिए समस्या खड़ी की है. डिजिटल दुनिया में पनप रहे आतंकवाद पर काबू पाना सबसे बड़ा चैलेंज बन चुका है. एक सीनियर खुफिया अधिकारी ने कहा, 'हमारी जो मौजूदा चिंता है वो इकलौते हमलावर की ओर से होने वाले हमलों (a lone wolf-type strike) से निपटना है. अगर कोई शख्स बिना किसी और को साथ लिए हथियार लेकर कहीं हमला बोल दे या कहीं विस्फोटक रख दे तो उसकी पहचान कर पाना आसान नहीं होगा.'
गोलीबारी में 50 लोगों की मौत
बता दें कि आईएसआईएस से प्रेरित उमर मतीन नाम के शख्स ने रविवार को अमेरिका के ओरलैंडो क्लब में 50 लोगों को मार डाला. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए. यह 9/11 के बाद अमेरिका में सबसे बड़ा आतंकी हमला था.
इंटरनेट बन रहा है बाधा
खुफिया एजेंसियों ने माना है कि नेशनल सिक्योरिटी की राह में इंटरनेट के जरिए पनप रहा उग्रवाद और आतंकवाद एक बड़ी बाधा है. हालांकि अब तक एजेंसियां इस बात का दावा भी करती रही हैं कि भारत में ISIS ने पैर नहीं जमाए हैं, लेकिन फिर भी देश के कई युवा इस आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की कोशिश की.