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छुपारुस्तम है न्यूजीलैंड, स्पिनर्स पर निर्भर होगा भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज: गंभीर

टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और इंडिया ब्लू को दलीप ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान गौतम गंभीर को लगता है कि स्पिनर ही भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की आगामी टेस्ट सीरीज का भाग्य तय करेंगे जिसका पहला मैच 22 सितंबर से कानपुर में शुरू होगा.

गौतम गंभीर गौतम गंभीर
अभिजीत श्रीवास्तव
  • ग्रेटर नोएडा,
  • 15 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और इंडिया ब्लू को दलीप ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान गौतम गंभीर को लगता है कि स्पिनर ही भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की आगामी टेस्ट सीरीज का भाग्य तय करेंगे जिसका पहला मैच 22 सितंबर से कानपुर में शुरू होगा.

‘छुपारुस्तम है न्यूजीलैंड’
गंभीर ने चेताया कि घरेलू टीम न्यूजीलैंड को हल्के में नहीं ले क्योंकि दोनों ही देशों ने अपनी टीमों में अच्छे स्पिनरों को शामिल किया है और इन गेंदबाजों के सीरीज में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है. गंभीर ने पत्रकारों से कहा, ‘न्यूजीलैंड की टीम हमेशा ही छुपेरूस्तम की तरह रही है, कोई भी उन्हें ऊंचा करके नहीं आंकता है लेकिन उन्होंने हमेशा ही हर तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है.’ उन्होंने कहा, ‘उनकी टीम अच्छी है. उसने पास तीन स्पिनर (मिशेल सैंटनर, ईश सोढ़ी और मार्क क्रेग) शामिल हैं और जिस भी टीम के स्पिनर अच्छी गेंदबाजी करेंगे, उसी से सीरीज के नतीजे का फैसला होगा.’

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‘टीम चुनना सेलेक्टर्स का काम’
गंभीर ने हाल में समाप्त हुई दलीप ट्रॉफी में इंडिया ब्लू की अगुवाई करते हुए उसे आसानी से खिताब दिलाया, साथ ही प्रत्येक पारी 80 रन के औसत से 320 रन भी जुटाए. लेकिन बल्ले से अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए 15 सदस्यीय टीम चुनते हुए फिर से उनकी अनदेखी की.

गंभीर से इसके बारे में पूछने पर इस आक्रामक बायें हाथ के बल्लेबाज ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं चयन के लिए नहीं खेलता. मेरा काम रन जुटाना है और मैं इसी पर अपना ध्यान लगाता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘आपको मैदान पर जाकर सिर्फ उन्हीं चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए जिन पर आप नियंत्रण कर सकते हो, बाकी चयनकर्ताओं का काम है. चयनकर्ता जो भी फैसला करते हैं, वो उनकी राय होती है. मेरा काम अपनी टीम को जीत दिलाना है.’ गंभीर ने साथ ही दोहराया कि वह टेस्ट क्रिकेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं हैं.

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‘पिंक नहीं, लाल गेंदों से ही हो टेस्ट’
उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से मानता हूं कि दर्शकों को आकर्षित करने के लिए हमें लाल गेंद के बजाय पिंक बॉल से खेलने की जरूरत नहीं है, ऐसा तब करना चाहिए जब आपको लगे कि लाल गेंद से परिणाम नहीं मिल रहे.’ उन्होंने कहा, ‘आजकल हमें टेस्ट मैच ड्रॉ होते हुए काफी कम दिख रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट पारंपरिक फॉर्मेट है और इसे ऐसे ही छोड़ देना चाहिए. आप टी20 और वनडे में पिंक बॉल का प्रयोग कर सकते हो, इसमें कोई नुकसान नहीं है.’

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