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श्रीलंका में और मजबूत हुए राजपक्षे बंधु, संसदीय चुनाव में महिंदा की पार्टी को बहुमत

पड़ोसी देश श्रीलंका में संसदीय चुनाव समाप्त हो गया है. महिंदा राजपक्षे की पार्टी एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने को तैयार है.

श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST

  • श्रीलंका में संसदीय चुनाव के नतीजे घोषित
  • महिंदा राजपक्षे फिर बनेंगे श्रीलंका के पीएम
श्रीलंका में हुए आम चुनावों में राजपक्षे बंधुओं की पार्टी को बड़ी जीत मिली है. संसदीय चुनावों में श्रीलंका पोदुजना पार्टी (SLPP) को लगभग दो तिहाई बहुमत मिला है, जिसके साथ ही महिंदा राजपक्षे का श्रीलंका का एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. महिंदा के भाई गोतबया राजपक्षे पहले ही श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं.

शुक्रवार तक साफ हुए नतीजों के मुताबिक, महिंदा राजपक्षे की SLPP को कुल 145 सीटें मिली हैं. जबकि कुल सीटों का आंकड़ा 225 है. इन 145 सीटों के अलावा कुछ सहयोगियों का साथ भी महिंदा राजपक्षे के साथ है, ऐसे में उनके पास बहुमत से काफी अधिक का आंकड़ा है.

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इसी के साथ ही अब श्रीलंका में संसदीय और संवैधानिक मसलों पर राजपक्षे भाइयों की ताकत और मजबूत हो गई है. संसदीय चुनावों में जीत के साथ ही महिंदा राजपक्षे का पीएम बनना तय है, जबकि भाई गोतबया राजपक्षे नवंबर 2019 में राष्ट्रपति चुने गए थे.

श्रीलंका में फिर से सरकार बना सकते हैं महिंदा राजपक्षे, पीएम मोदी ने फोन पर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को ही महिंदा राजपक्षे को चुनावी जीत पर बधाई दे दी थी. महिंदा को बधाई देने वाले पीएम मोदी शुरुआती विदेशी नेताओं में से एक रहे. पीएम मोदी ने महिंदा राजपक्षे से फोन पर बात की, जिसपर महिंदा ने ट्वीट कर लिखा कि फोन पर बधाई देने के लिए शुक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. श्रीलंका के सभी लोग भारत के साथ मिलकर काम करने को तत्पर हैं, भारत और श्रीलंका सिर्फ अच्छे दोस्त ही नहीं बल्कि रिश्तेदार भी हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उन्हें जवाब दिया कि भारत और श्रीलंका के हितों को ध्यान में रखते हुए हम सभी आपके साथ मिलकर काम करेंगे.

चुनावी नतीजों के मुताबिक, इस बार कुल 16.2 मिलियन वोट पड़े थे जिसमें से 6.8 मिलियन महिंदा राजपक्षे की पार्टी को ही मिले हैं. पार्टी की ओर से बयान दिया गया है कि हमें जीत की पूरी उम्मीद थी, लेकिन इतनी बड़ी जीत मिलेगी नहीं सोचा था.

महिंदा राजपक्षे और गोतबया राजपक्षे श्रीलंका की राजनीति में करीब दो दशक से एक्टिव हैं और एकछत्र राज चला रहे हैं. इससे पहले महिंदा करीब एक दशक तक देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं, जब पार्टी में विरोध के कारण वो हटे तो उनके भाई गोतबया राष्ट्रपति बन गए. और कुछ ही वक्त के बाद उन्होंने महिंदा को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया, अब एक बार फिर चुनावी जीत हासिल कर महिंदा ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है.

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