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राम मंदिर मुद्दे पर श्रीश्री रविशंकर की बैठक को लेकर सच छिपा रहा है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड?

इस 'गुप्त मुलाकात' पर मीडिया से बात करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा था, "बस इतना ही है कि कुछ लोग मेरे पास आए और मिले हैं. मुद्दे को हल करने के लिए सभी लोगों में सकारात्मक ऊर्जा देखने को मिली. अगर इसमें मेरी भूमिका की जरूरत पड़ती है, तो मैं स्वेच्छा से ऐसा करने को तैयार हूं."

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और रविशंकर के मुलाकात की तस्वीर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और रविशंकर के मुलाकात की तस्वीर
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

राम मंदिर के सामंजस्यपूर्ण हल के लिए अपने स्तर पर खोजने की कोशिश कर रहे श्रीश्री रविशंकर एक बार फिर चर्चा में हैं. श्री श्री रविशंकर ने खुलासा किया है कि कुछ दिन पहले 6 अक्टूबर को राम मंदिर मुद्दे को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कुछ सदस्य उनसे बेंगलुरू में मिले थे. इस दौरान निर्मोही अखाड़े से जुड़े कुछ शख्स भी वहां मौजूद थे. लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस बात से इनकार कर रहा है. बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा है कि बोर्ड और श्री श्री के बीच किसी तरह की कोई बैठक नहीं हुई है.

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लेकिन, ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है, जो इस बात का सबूत है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती एजाज कासमी ने श्रीश्री रविशंकर के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान दूसरे पक्ष (निर्मोही अखाड़े ) के लोग भी मौजूद थे. दोनों गुटों ने श्रीश्री रविशंकर की मौजूदगी में बातचीत की है. बातचीच का हल क्या निकला अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन रविशंकर ने सकारात्मक संकेत दिए हैं वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुलाकात को ही खारिज कर रहा है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस इनकार के पीछे क्या राज है यह अभी तक सामने नहीं आ पाया है.

इस 'गुप्त मुलाकात' पर मीडिया से बात करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा था, "बस इतना ही है कि कुछ लोग मेरे पास आए और मिले हैं. मुद्दे को हल करने के लिए सभी लोगों में सकारात्मक ऊर्जा देखने को मिली. अगर इसमें मेरी भूमिका की जरूरत पड़ती है, तो मैं स्वेच्छा से ऐसा करने को तैयार हूं. दोनों पक्षों को इस मसले पर उदारता का परिचय देते हुए आगे आना चाहिए. हालांकि अभी इस मसले पर कुछ भी जल्दबाजी में नहीं कहा जा सकता है. लेकिन, मेरी इच्छा है कि देश हित के लिए सभी को मिलकर आगे आना चाहिए."

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गौरतलब है कि श्रीश्री रविशंकर कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि वे अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे का हल निकालने के लिए मध्यस्थता करने को तैयार हैं. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. राम मंदिर का निर्माण दो ही सूरत में हो सकता है. पहला तो यह की सुप्रीम कोर्ट इसके लिए हरी झंडी दे दे या अदालत के बाहर हिंदू और मुस्लिम पक्ष सुलह करते हुए राम मंदिर के लिए तैयार हो जाएं.

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