
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष तथा जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर-बडगाम संसदीय उपचुनाव में जीत दर्ज की है. इस जीत के बाद अब्दुल्ला से महबूबा सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम साबित हुई है.
फारूक ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नजीर अहमद खान को 10,557 मतों के अंतर से हराया. इस सीट पर उपचुनाव में कुल 89,865 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि फारूक को 47,926 वोट मिले थे, जबकि खान के पक्ष में 37,369 वोट पड़े. नोटा के पक्ष में 714 मत पड़े.
फारुक और महबूबा के लिए साख की लड़ाई
हालांकि चुनावी मैदान में कुल 9 उम्मीदवार हैं. लेकिन असल मुकाबला पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और सत्ताधारी पार्टी पीडीपी के नजीर अहमद खान के बीच है. एक ओर जहां नतीजे फारूख अब्दुल्ला के लिए नाक का सवाल हैं, वहीं ये चुनाव पिछले साल हुई हिंसा के बाद महबूबा मुफ्ती सरकार की लोकप्रियता की परीक्षा भी है. पिछले साल हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पीडीपी नेता तारिक कारा ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था.
भारी हिंसा के बीचे हुई थी वोटिंग
इस बार श्रीनगर सीट पर महज 7.13 फीसदी वोटिंग हुई थी. ये इस निर्वाचन क्षेत्र के इतिहास में मतदान का सबसे कम आंकड़ा है. वोटिंग के दिन अलगाववादियों और सुरक्षाबलों के बीच जमकर हिंसा हुई थी जिसमें कुल 8 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे. गुरुवार को 38 पोलिंग स्टेशनों पर दोबारा मतदान में सिर्फ 2 फीसदी वोट पड़े थे.