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संसद में स्टैंडिंग कमिटी की सिफारिश, भ्रामक विज्ञापन किया तो सेलिब्रिटीज को होगी पांच साल की जेल

ब्रांड एंबेसडर बन कर करोडों रुपये कमाने वाले सितारों के लिए बुरी खबर है. अगर साबित हो गया कि जिस चीज का विज्ञापन कोई सेलिब्रिटी कर रहा था वो भ्रामक और ग्राहकों को बेवकूफ बना रहा है तो उन्हे पचास लाख तक का जुर्माना ही नहीं, पांच साल तक जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.

खाद्य पदार्थों में जारी है मिलावट का गोरखधंधा खाद्य पदार्थों में जारी है मिलावट का गोरखधंधा
केशव कुमार/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

ब्रांड एंबेसडर बन कर करोडों रुपये कमाने वाले सितारों के लिए बुरी खबर है. अगर साबित हो गया कि जिस चीज का विज्ञापन कोई सेलिब्रिटी कर रहा था वो भ्रामक और ग्राहकों को बेवकूफ बना रहा है तो उन्हे पचास लाख तक का जुर्माना ही नहीं, पांच साल तक जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
 
उपभोक्ता मामलों की स्टैंडिंग कमिटी ने मंगलवार को संसद में जो रिपोर्ट सौंपी है. उसे देखकर कंपनियों और उनका सामान बेचने वाले सेलिब्रिटीज की नींद उड़ सकती है. टीडीपी सांसद जे सी दिवाकर रेड्डी की अध्यक्षता वाली इस कमिटी ने उपभोक्तों हितों की रक्षा के लिए कानून में बेहद खख्त उपाय करने की सिफारिश की है.

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खेतों में हो जाती है फसल में मिलावट
कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य उत्पादों में मिलावट के खिलाफ कड़े कानून बनाने की बेहद जरूरत है. किसानों की ओर से खाद्यान्न फसलों में दवाइयों, कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से पहले ही काफी मिलावट हो जाती है. इस पर रोकथाम की भी जरूरत है.

लोकसभा के बीते सत्र में पेश हुआ था बिल
लोकसभा के बीते सत्र में कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल को पेश किया गया था. जिसे बाद में स्टैंडिंग कमिटी को भेज दिया गया था. कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून बनाकर इसे अनिवार्य कर दिया जाए कि उपभोक्ताओं की ओर से खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायत के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया जाए. ऐसा नहीं होने पर अदिकतम 21 दिनों की समय-सीमा तय की जाए.

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सेलिब्रेटिज को अधिक सावधान रहने की जरूरत
उपभोक्ता मामले, खाद्य और जनवितरण को लेकर स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट में खाद्य पदार्थों का ब्रांड एंबेस्डर बनाए गए सेलिब्रिटीज को भी सावधान रहने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्म विभूषण और यहां तक कि भारत रत्न से सम्मानित लोग भी कई उत्पादों का विज्ञापन करते हैं. आम लोग उन हस्तियों की बातों को बिना सोचे मान लेते हैं.

उत्पाद बनाने, बेचने और विज्ञापन करने वालों की जिम्मेदारी
कमिटी ने कहा है कि मौजूदा कानून ऐसे उत्पाद बेचने वाले कारोबारियों और विज्ञापन करने वालों के साथ ही सेलिब्रिटीज पर काबू के लिए नाकाफी है. इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. कमिटी ने इस बिल में इन सब लोगों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करने की सिफारिश की है.

पहली गलती पर 10 लाख जुर्माना या दो साल की जेल
कमिटी ने इस कानून को तोड़ने पर दोषियों के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना या दो साल की जेल या दोनों सजा ही देने की सिफारिश की है. दूसरी बार कानून तोड़ने पर 50 लाख रुपये जुर्माना या 5 साल की जेल या दोनों एक साथ दिए जाने और इस तरह की गलती फिर होने पर सेवा या उत्पाद की कीमत और बिक्री के मुताबिक सजा बढ़ाए जाने की भी सिफारिश की है.

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