Advertisement

स्टार्टअप की उम्मीद: PM मोदी के वादे पर खरा उतरे बजट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां स्टार्ट-अप के लिए कर घटाने और 1.5 अरब डॉलर का कोष बनाने का वादा किया है, वहीं युवा उद्यमियों को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में पेश होने वाले बजट में नए उद्यमों को संबल देने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे.

स्टार्टअप की बजट से उम्मीदें स्टार्टअप की बजट से उम्मीदें
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां स्टार्ट-अप के लिए कर घटाने और 1.5 अरब डॉलर का कोष बनाने का वादा किया है, वहीं युवा उद्यमियों को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में पेश होने वाले बजट में नए उद्यमों को संबल देने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे. पेपरटैप के सह-संस्थापक नवनीत सिंह ने कहा, 'देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से समूची कर व्यवस्था सरल होगी, कारोबारी खर्च घटेगा और आय बढ़ेगी.'

Advertisement

उन्होंने कहा, 'श्रम कानून को अधिक उदार बनाने और पूंजी निवेश बढ़ाने से कारोबार में गति आएगी.' प्लस के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतीत जैन ने कहा कि भारत का अमेरिका और जापान के साथ कराधान समझौता नहीं है. ये देश भारतीय स्टार्ट-अप में भारी-भरकम निवेश कर सकते हैं.

जैन ने कहा, 'इन देशों के निवेशकों को दोहरे कराधान से बचाने के लिए कानून बनाए जाने चाहिए. इससे भारत में निवेशकों की रुचि बढ़ेगी और इससे भारतीय स्टार्ट-अप परितंत्र को बढ़ावा मिलेगा.' मोदी ने 16 जनवरी को घोषणा की थी कि स्टार्ट-अप को प्रथम तीन साल के लिए आय पर कर नहीं देना होगा. उन्हें पूंजीगत लाभ कर से भी छूट मिलेगी.

उन्होंने नए उद्यमों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाने, सरकारी खरीद में समान अवसर देने, 500 करोड़ रुपये की एक क्रेडिट गारंटी योजना और उद्यम बंद करने को आसान बनाने की भी घोषणा की थी.

Advertisement

कार्या के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निधि अग्रवाल ने कहा, 'स्टार्ट-अप के लिए पहले ही घोषित किए जा चुके तीन साल के कर अवकाश और एंजल निवेशक के लिए कर छूट को लागू करना पूरे क्षेत्र के लिए अत्यधिक उत्साहवर्धक रहेगा.'

नापतौल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु अग्रवाल ने कहा, 'हमारी जैसी ऑनलाइन बाजार कंपनियों के लिए कराधान के नियमों में कई विसंगतियां हैं. हमारी उम्मीद है कि आगामी बजट में इसे दूर किया जाएगा.'

अग्रवाल ने साथ ही कहा कि अवसंरचना विकास के लिए भी और कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, 'हमारा उद्योग बहुत हद तक आयात पर निर्भर है और बड़े बंदरगाह तथा पारेषण तंत्र जैसी अवसंरचना तथा लॉजिस्टिक सुविधाओं से हमें तेजी से ग्राहकों तक वस्तु पहुंचाने में मदद मिलेगी.'

इनपुट..IANS.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement