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माली की सरकार ने राजधानी बमाको में एक होटल पर हुए जिहादी हमले के बाद देशभर में 10 दिन के आपातकाल की घोषणा की है. इस हमले में कम से कम 27 लोग मारे गए हैं. राष्ट्रीय रेडियो पर बताया गया कि संकटपूर्ण स्थिति के बाद राष्ट्रपति इब्राहिम बौबाकर कीटा की अध्यक्षता में बुलाए गए कैबिनेट के सत्र के बाद सरकार ने ‘देशभर में 10 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की’ और यह अवधि कल से शुरू होगी.
सरकार ने हमला पीड़ितों के लिए तीन दिन का शोक मनाए जाने का आह्वान किया है. अल जजीरा टेलीविजन चैनल पर प्रसारित ऑडियो रिकॉर्डिंग में खूंखार अल्जीरियाई आतंकवादी मुख्तार बेलमुख्तार के अल मुराबितून संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
शुक्रवार को अफ्रीकी देश माली की राजधानी बमैको में हथियारबंद हमलावरों ने कहर बरपाया. हमलवारों ने होटल रेडिसन ब्लू होटल पर धावा बोलते हुए करीब 170 लोगों को बंधक बना लिया . सैन्य कार्रवाई कार्रवाई खत्म हो चुकी है. दो हमलावरों को सेना ने ढेर कर दिया. सेना के सूत्रों ने जानकारी दी कि इस संकट में कम से कम 27 लोगों की मौत हुई है.
190 कमरों वाले इस होटल में हमलावरों ने सुबह-सुबह ही (भारतीय समयानुसार दोपहर करीब ढाई बजे) धावा बोला और वहां मौजूद लोगों को हथियारों की नोंक पर बंधक बना लिया. बताया जा रहा है कि हमलावरों ने जिस वक्त होटल पर धावा बोला वो 'अल्लाह हु अकबर' के नारे लगा रहे थे. होटल में घुसते ही उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. माली के सुरक्षा मंत्री ने बताया कि होटल से सभी बंधकों को मुक्त करा लिया गया है. जवानों ने कुल 18 लोगों के शव बरामद किए हैं. अब होटल में कोई भी बंधक नहीं है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक दो हमलावरों को मार गिराया गया है.
जिसने कुरान की आयतें पढ़ीं, उसे जाने दिया
जैसे-जैसे समय बीता हमलावरों ने अपना खूंखार रूप दिखाना शुरू किया और अब तक करीब नौ लोगों की हत्या कर दी है. हालांकि उन्होंने आठ लोगों को होटल से बाहर जाने दिया जो कुरान की आयतें पढ़ पाने में सक्षम रहे. होटल में हमले की सूचना मिलते ही माली की सुरक्षा एजेंसियां और सेना ने कार्रवाई शुरू कर दी. फौज ने होटल की घेराबंदी की. करीब 80 लोगों ने होटल से भागकर अपनी जान बचाई.
पहले भी हो चुका है आतंकी हमला
इससे पहले माली के एक कस्बे में अगस्त में ऐसा ही हमला हुआ था. आतंकियों ने 24 घंटे तक लोगों को बंधक बनाए रखा था और गोलीबारी चलती रही थी. इस हमले में सेना के 4 जवान, संयुक्त राष्ट्र के 5 वर्कर और 4 हमलावर मारे गए थे.
जून में ही हुआ था शांति समझौता
माली में पुराने विद्रोहियों तुआरेग और सरकार समर्थकों के बीच इसी साल जून में ही शांति समझौता हुआ था. उत्तरी माली मार्च-अप्रैल 2012 में अलकायदा के निशाने पर आया था. 2013 में फ्रांस की अगुआई में यहां सैन्य ऑपरेशन शुरू हुआ था. इसके बाद ही शांति समझौता हुआ था.