
सऊदी अरब की मक्का मस्जिद के पास मीना में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया. बकरीद के दौरान यहां शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदायगी के बीच भगगड़ मच गई, जिसमें कम से कम 717 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 863 लोगों के घायल होने की खबर है. मृतकों में 14 भारतीय शामिल हैं.
13 घायलों की भी पहचान कर ली गई है
जानकारी के मुताबिक, हज के दौरान शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदायगी के दौरान करीब 12 से 15 लाख लोग एक साथ जमा होते हैं. इस दौरान सात बार
पत्थर मारने की परंपरा है. बताया जाता है कि इसी दौरान भगदड़ मच गई और यह बड़ा हादसा हो गया. हादसा मक्का मस्जिद के पास मीना में हुआ.
इससे पहले 12 सितंबर को मक्का में ही मुख्य मस्जिद अल हरम में क्रेन गिर गई थी जिसमें दो भारतीय समेत 107 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में 238 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
हज के दौरान हादसों के इतिहास पर एक नजर...
--- खलीज टाइम्स के मुताबिक, 1990 से अभी तक हुए हादसों में कुल 2788 हजयात्रियों की मौत हुई है.
--- 12 जनवरी, 2006 को हज के आखिरी दिन मीना में हुई भगदड़ में 346 हजयात्री मारे गए थे.
--- 1 फरवरी, 2004 में शैतान को पत्थर मारने की रस्म के दौरान मची भगदड़ में 250 लोगों की मौत हो गई थी.
--- 11 फरवरी, 2003 को शैतान को पत्थर मारने की रस्म के दौरान मची भगदड़ में 15 लोगों की और 5 मार्च 2001 को 35 लोगों की मौत हो गई थी.
--- 9 अप्रैल, 1998 को जमारात पुल पर हुए हादसे में 118 हजयात्री मारे गए थे.
--- 23 मई, 1994 को शैतान को पत्थर मारने की रस्म के दौरान मची भगदड़ में 270 हजयात्रियों की मौत हो गई थी.
--- सबसे भयावह हादसा 2 जुलाई, 1990 को हुआ था. इसमें मक्का से मीना और अराफात के मैदान तक जाने वाली राहगीरों की सुरंग में भगदड़ मचने से 1426 हजयात्रियों की मौत हो गई थी.