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व्यापम मामले में कुछ बड़े खुलासे हुए हैं. अब तक मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ पर ही सवाल खड़े हो गए हैं. CBI अब इस मामले की जांच कर रही है. CBI के सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी STF के रोल को ही संदिग्ध मान रही है. सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान मामलों की लीपापोती के लिए रिश्वत लिए गए.
रसूखदार लोगों को पहुंचाया गया फायदा
सीबीआई सूत्रों को मुताबिक रसूखदार लोगों के मामलों की लीपापोती की गई. बड़े अधिकारियों से जुड़े लोगों को बचाने के लिए और मामले की लीपापोती के लिए गलत केस दर्ज किए गए. रसूखदार आरोपियों की जांच नहीं की गई और गलत तरीके से साधारण लोगों को फंसाने की कोशिश की गई.
खुदकुशी दबाव में तो नहीं
इससे ये संदेह उत्पन्न होता है कि कहीं व्यापम मामले से जुड़े लोगों की एक-एक कर खुदकुशी के मामले कहीं एसटीएफ की जांच के दबाव में तो नहीं हुए.
CBI ने 4 और एफआईआर दर्ज किए
इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो-सीबीआई ने मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल-व्यापम घोटाला मामले में 4 और नए एफआईआर दर्ज किए हैं. इन चारों एफआईआर में 52 लोगों को नामजद किया गया है. पुलिस कांस्टेबल भर्ती के मामले में ये एफआईआर दर्ज किए गए हैं जो कि 2013 में व्यापम के जरिये किए गए थे. इन मुकदमों में उन लोगों को आरोपी बनाया गया है जो दूसरे अभ्यर्थियों की जगह भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे.
पहले एसटीएफ कर रही थी जांच
सुप्रीम कोर्ट ने नौ जुलाई को व्यापम मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई ने सोमवार को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी. सीबीआई अब तक जांच कर रही एसटीएफ और जिले स्तर पर गठित पुलिस की एसआईटी के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी है. एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सौंपे हैं.
हजारों लोग संदेह के घेरे में
व्यापम से जुड़े मामलों में अभी तक 21,000 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इस जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है. एसटीएफ इस मामले के 12,000 आरोपियों के चालान भी पेश कर चुकी है.