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'आज तक' के खुफिया कैमरे में कैद 'नकली गोरक्षक, असली गुंडे', मुंह में 'गाय', बगल में 'छुरी'!

गायों की रक्षा के नाम पर गड़बड़ करने वालों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाता है कि हमला करते वक्त वो सामने वाले को नुकसान तो पूरा पहुंचाएं, लेकिन उसके शरीर पर चोट का कोई निशान ना रहने दें, जिससे कि बाद में मुकदमे की स्थिति में सबूत की खामी की वजह से बचा जा सके. ये सब कैसे होता है, इंडिया टुडे की जांच से सामने आया.

आजतक से बात करते गो रक्षक आजतक से बात करते गो रक्षक
खुशदीप सहगल
  • मुरादाबाद/फरीदाबाद ,
  • 20 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

गायों की रक्षा के नाम पर गड़बड़ करने वालों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाता है कि हमला करते वक्त वो सामने वाले को नुकसान तो पूरा पहुंचाएं लेकिन उसके शरीर पर चोट का कोई निशान ना रहने दें, जिससे कि बाद में मुकदमे की स्थिति में सबूत की खामी की वजह से बचा जा सके. ये सब कैसे होता है, इंडिया टुडे की जांच से सामने आया.

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राजस्थान के बहरोड़ हाइवे पर इस महीने के शुरू में स्वयंभू गो रक्षकों की भीड़ ने एक ट्रक पर हमला कर 55 वर्षीय डेयरी फॉर्मर पहलू खां और उसके साथियों को बाहर निकाला और फिर सरियों और बेल्टों से अंधाधुंध प्रहार करना शुरू कर दिया. ये सब कैमरों में कैद भी हुआ. पहलू खां की तीन दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक पहलू खां की मौत छाती और पेट में घातक आतंरिक चोटों की वजह से हुई.

बहरोड़ की घटना के बाद इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने तथाकथित गो रक्षकों के स्याह चेहरे को सामने लाने के लिए जांच की ठानी. ताकि ये पता लगाया जा सके कि गाय से जुड़े वैध कारोबार (डेयरी,ट्रांसपोर्ट) करने वालों के खिलाफ आक्रामक रवैया क्षणिक आवेग की वजह से होता है या ये सब पहले से ही सब सोचा समझा होता है.

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अंडर कवर रिपोटर्स ने जिन स्वयंभू गो रक्षकों की जांच की, उनका पहलू खां और उनके सहयोगियों पर जानलेवा हमले से किसी तरह का जुड़ाव नहीं था. लेकिन कैमरे में कैद ये लोग सड़कों और राजमार्गों पर हिंसा के अपने जघन्य तरीकों पर खुल कर बोलते दिखे.

मुरादाबाद में राष्ट्रीय गो रक्षा दल के प्रवक्ता नागेंद्र कुमार को ये कहते देखा गया कि किस तरह संभावित लक्ष्यों पर घातक हमलों के लिए अपने आदमियों को प्रशिक्षित किया जाता है.

नागेंद्र कुमार ने दावा किया, 'जब हम तैयार होते हैं तो एक मात्र उद्देश्य के साथ तैयार होते हैं. उनकी (पशुओं के व्यापारी) कम से कम टांगे तोड़ दी जाएं जिससे कि वो बाकी की जिंदगी अपने पैरों पर ना चल सकें.'

 

नागेंद्र के मुताबिक उसके सूत्र गायों के ट्रकों के बारे में सुराग देते हैं. एक बार वाहन का पता लग जाता है तो फिर रणनीति के साथ उस पर झपटा जाता है.

नागेंद्र ने बताया, 'हम ऐसी चोट पहुंचाते हैं जिनके शरीर पर निशान नहीं दिखते. पीटने वालों को ये अहसास नहीं होता कि कितनी गंभीर चोट उन्हें पहुंची है. नागेंद्र ने कहा पूरी ताकत से प्रहार किया जाता है लेकिन ये ध्यान रखा जाता है कि खून ना निकले.'

 

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नागेंद्र ने कहा, 'इसी तरह से अपने आदमी प्रशिक्षित किए जाते हैं, यानी कोई बाहरी घाव नहीं रहने दिया जाए. किसी को पीटने पर ये सुनिश्चित किया जाता है कि कोई निशान ना छोड़ा जाए. लेकिन ये गारंटी है कि वो दो महीने बाद अपने पैरों पर चलने लायक नहीं रहेगा. अगर बाहरी चोट नहीं होती तो कोई केस नहीं होता.'

नागेंद्र ने दावा किया कि उसके दस्ते के सदस्यों को छह राज्यों में एक भी पुलिस केस का सामना नहीं करना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश में गो रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र शर्मा को इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने मुरादाबाद में कैमरे में कैद किया तो शर्मा ने भी वही तरीके अपनाने की बात की, जिन्हें नागेंद्र के मुंह से सुना गया था.

अंडर कवर रिपोर्टर ने शर्मा से पूछा कि आप अपने लक्ष्य को कैसे चोट पहुंचाते हो? इस पर शर्मा का जवाब था- 'हम आंतरिक चोट पहुंचाते हैं. हम हड्डियां, मासपेशियां और टांगे फ्रैक्चर करते हैं. सिर पर चोट नहीं की जाती कि वो फूट जाए. अगर ऐसा किया जाएगा तो हमारे लोग गिरफ्तार हो जाएंगे.'

शर्मा ने अपनी वेबसाइट पर खुद को गायों के रक्षक के तौर पर प्रचारित कर रखा है. लेकिन इंडिया टुडे के टेप पर शर्मा ने कबूल किया कि उसके गैंग पवित्र पशुओं के हाइवे लुटेरे हैं.

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शर्मा ने कहा, 'हमारे सदस्यों ने बबराला (संभल जिला) में 20 गायों के साथ एक ट्रक को पकड़ा. इन गायों को अपने सदस्यों में बांट दिया गया.

 

इंडिया टुडे की टीम ने फिर हरियाणा के फरीदाबाद का रुख किया. यहां हरियाणा में गो रक्षा दल के वरिष्ठ नेता आचार्य सर्वमित्र आर्य को कैमरे में कैद किया गया. आर्य ने बताया कि किस तरह पशुओं को ले जा रहे वाहनों पर हमला किया जाता है.

आर्य ने कहा, 'हमारे लड़के रास्ते में रुकावट खड़ी करते हैं और ट्रक के आने पर फिर उसे घेर लेते हैं. वो (व्यापारी/ड्राइवर) चलते वाहन से कूद कर भागने की कोशिश करते हैं. ये एक बात है. हमारे पास कुछ हथियार भी रहते हैं. कभी-कभार दोनों तरफ से गोलीबारी भी होती है.'

आर्य के मुताबिक उसके पास 3000 से ज्यादा हिंसक गो रक्षकों का मजबूत ग्रुप है. 'उनमें से कोई भी पीट कर वापस नहीं आता, वो पीटते (अपने लक्ष्यों को) हैं. वो ऐसी चोट नहीं पहुंचाते जिससे कि खून निकले.'

'कानून तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई'
पशुधन मंत्री एसपी सिंह बघेल 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन पर कहा कि किसी को भी कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, 'अगर गौरक्षक है तो हम उनकी भावना समझते हैं. जब भी उन्हें ऐसी कोई घटना पता चले तो वह पुलिस को फोन करें. मुझे फोन करें, लेकिन कानून अपने हाथ में ना लें. बघेल ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज चलेगा. इसलिए इस तरह के कार्यों से बचें.

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